रांची (RANCHI): राजधानी रांची का सदर अस्पताल इनदिनों नया मुकाम कायम कर रहा है. शनिवार को सर्जरी ओपीडी एक मरीज  6 साल का बच्चा था. ओपीडी खत्म होने से आधे घंटे पहले बहुत ज्यादा पेट दर्द की शिकयत के साथ आया था. पता चला कि उसकी जांच बाहर करायी गयी है. जिसमें अपेंडिक्स में अधिक सूजन होने के कारण बच्चा काफी दर्द में था. पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण परिजन बाहर ऑपरेशन कराने में सक्षम नहीं थे.

सदर अस्पताल के अस्थाई कर्मचारी हैं पिता

बच्चे के पिता सदर अस्पताल के ही मलेरिया विभाग के अस्थाई कर्मचारी हैं , उन्होंने सर्जरी के डॉक्टर अजीत और एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर पंकज सिन्हा और OT की सिस्टर इंचार्ज सविता कुमारी से अनुरोध करके, आग्रह किया कि कृपया कर उसका ऑपरेशन यहीं पर कर दें.

आमतौर पर 3:00 बजे ओपीडी और रूटीन OT बंद हो जाती है फिर भी डॉक्टरों की टीम ने मरीज की गंभीर अवस्था को देखते हुए ऑपरेशन के लिए हामी भर दी. बच्चे की उम्र काफी कम होने के सबब अनुभवी  सर्जन और एनिसथिया की जरूरत होती है ,इसलिए डाक्टर की टीम ने प्लान किया कि उसे पूरी तरह से बेहोश करके दूरबीन विधि के द्वारा लेप्रोस्कोपी से अपेंडिक्स का ऑपरेशन करेंगे. सदर अस्पताल रांची में यह पहला लेप्रोस्कोपिक अपेंडिक्स सर्जरी  हुआ है.


इमरजेंसी केस में छोटे बच्चे का था इसलिए इसमें खतरा भी अधिक था

ऑपरेशन बहुत छोटी छेद के द्वारा किया गया ,जिससे बच्चे का पेट बड़ा चिड़ा लगने से भी बच गया है. ,बच्चा एक-दो दिनों में अपने घर  स्वास्थ्य होकर चला जाएगा. सर्जरी टीम में  सर्जन डॉक्टर अजीत कुमार,  निश्चेतक डॉक्टर पंकज सिन्हा,  सविता सिस्टर ,नीरज , प्रणव , नंदिनी शामिल थीं. इस ऑपरेशन के लिए उपाधीक्षक सदर अस्पताल एवं सिविल सर्जन  के तरफ से विशेष रूप से अनुमति प्राप्त की गई थी .