रांची(RANCHI) : कथित जमीन घोटाले मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ शुरू हो गई है. ईडी के अधिकारी लगातार सवाल पूछ रहे हैं. इससे पहले जब ईडी की टीम सीएम आवास पहुंची तो सुरक्षाबलो ने कारों की चेकिंग के बाद ही अंदर जाने दिया. ईडी के अधिकारी अपने साथ सुरक्षा बलों को लेकर पहुंचे. मिली जानकारी के अनुसार ईडी के अधिकारी अपने साथ एक कार में हेलमेट लेकर गए हैं. अब सवाल उठता है कि जब इतनी सुरक्षा सीएम आवास के बाहर और अंदर है तो वे अपने साथ हेलमेट लेकर क्यों गए. कयास ये भी लगाया जा रहा है कि ईडी पूछताछ के बाद सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार भी कर सकती है. हालांकि ये सिर्फ एक कयास है. लेकिन जो माहौल बनाया गया है ऐसे में कहा जा रहा है कि ईडी के शिकंजे के कारण सरकार संकट की स्थिति में है. अगर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होती है तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा और गठबंधन सरकार को नया नेता चुनना पड़ेगा.
हेमंत सोरेन ने दो सादे पेपर पर विधायकों से करवाए हस्ताक्षर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम हेमंत सोरेन ने बैठक में दो सादे कागज पर विधायकों से हस्ताक्षर करवाए हैं. एक पत्र में कल्पना सोरेन के लिए और दूसरे पत्र में मंत्री चंपई सोरेन के नाम पर दस्तखत करवाए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि झामुमो विधायकों ने कल्पना सोरेन और चंपई सोरेन के समर्थन में दो पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं. अगर हेमंत को गिरफ्तार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में नई सरकार की कवायद शुरू करनी होगी. उस समय ये पत्र अहम होंगे और किसी एक नाम पर आखिरी सहमति बनाकर राज्यपाल को चिट्ठी सौंपी जा सकती है. पहले विकल्प के तौर पर कल्पना सोरेन का नाम है. वो हेमंत की पत्नी हैं. लेकिन, हेमंत के भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन को भी झामुमो के कुछ विधायकों का समर्थन हासिल है.
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
सीएम आवास के अंदर और बाहर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती है. लगभग 1800 पुलिस बलों की तैनाती की गई है. वहीं जैप और एंटी नक्सल फोर्स जगुआर के जवान भी सीएम आवास पर तैनात हैं. रांची के उपायुक्त, एसएसपी, एसडीएम समेत पूरा प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
जेएमएम ने लगाया ईडी पर आरोप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ पर झामुमो नेता व प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि उन्होंने खुद ईडी को समय दिया है. वह सहयोग करेंगे. उन्होंने पहले भी सभी सवालों के जवाब दिए हैं और आज फिर ऐसा करेंगे, लेकिन केंद्रीय एजेंसियों के पूर्वाग्रह से ऐसा लगता है कि उन्हें एक काम दिया गया है. वे एक लोकप्रिय आदिवासी मुख्यमंत्री के साथ क्या करने की कोशिश कर रहे हैं, आखिरकार खुलासा हो जाएगा.
रिपोर्ट:संजीव ठाकुर
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