रांची(RANCHI): राज्य के मशहूर नाटककार और निर्देशक अशोक पागल का आज यानी शुक्रवार को निधन हो गया. अशोक पागल लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका रांची के रामप्यारी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. अशोक ने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली. आपको बता दें कि उन्होंने 1971 में ‘हस्ताक्षर’ नाट्य संस्था की शुरुआत की थी. इसे रांची में आधुनिक रंगमंच की शुरुआत मानी जाती है.
कौन हैं अशोक पागल
दरअसल, अशोक पागल का जन्म 5 मई 1948 में हुआ था. अशोक झारखंड के साथ-साथ पूरे देश में अपने नाटक के लिए जाने जाते थे. अशोक नाटककार, अभिनेता और निर्देशक रहे. उन्होंने सत्तर के दशक में रंगमंचीय करियर की शुरुआत की थी. अशोक पागल का वास्तविक नाम अशोक साहु था. उन्हें कई सम्मान मिल चुके हैं. अशोक के जिंदगी ने नाटक के प्रति रुचि दोस्तों की वजह से आई और एक ऐसा समय आया जब उन्होंने नाटक को ही अपना करियर मान लिया. अशोक पागल ने अपने करियर में 2 दर्जन से ज्यादा किताबें भी लिखी हैं.
ऐसा रंगकर्मी जो सब को पागल कर गया
दरअसल, वे झारखंड ही नहीं वरन् भारत के रंगमंच के उतार-चढ़ावों से वाकिफ रहे. ताज़ा नाटक उनका बिम्बिसार है और किताब भी छप चुकी थी. उनका इन सभी से एक अलग रूप भी था कवि का हालांकि उनके इस कार्य की चर्चा कम हो सकी. जुलाई 2012 में दो दिन तक रांची में उनकी कविताओं की प्रदर्शनी बेजोड़ रही थी, जिसमें 76 कविताओं का भाव चित्रण अश्विनी कुमार पंकज और विश्वनाथ प्रसाद ने किया था.
क़ॉपी: विशाल कुमार, रांची

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