टीएनपी टेस्ट (Tnp desk):-हेमंत सरकार आए दिन कुछ न कुछ सौगात देते आ रही है. इसी कवायद में राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और सेवानिवृत कर्मचारियों के आश्रितों को झारखंड स्वास्थय बीमा योजना के तहत लाभ देने जा रही है. सरकार की ओर से लिस्टेड 21 प्रकार के गंभीर रोग से ग्रसीत लोगों के इलाज के लिए 10 लाख रुपए तक कैशलेश सुविधा देगी. वही, अन्य रोगों के उपचार के लिए पांच लाख रुपए तक की सुविधा मिलेगी.

21 असाध्य रोगों के इलाज में सुविधा

झारखंड सरकार ने 21 असाध्य रोगो की सूची बनायी हुई है. जिसमे कैंसर, किडनी प्रत्यारोपण, गंभीर लीवर डिजीज,एसिड अटैक के साथ-साथ ब्रेन हेमरेज, बोनमैरो ट्रांसप्लांट,कोरोनरी आर्टरी बाईपास,रेटीनिल डिटैचमेंट जैसे गंभीर रोग शामिल है. इन रोगों के उपचार के लिए 10 लाख रुपए तक कैशलेश सुविधा मिलेगी. इसकी तैयारी तकरीबन पूरी कर ली गई है.

जोर-शोर से चल रही तैयारी

झारखंड सरकार अपने कर्मचारियों और सेवानिवृत कर्मचारियों के आश्रितों को सौगात देने के लिए लगी हुई है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बीमारियों के इलाज के लिए पैकेज तैयार कर रही है. ताकि इलाज में एकरुपता हो . इसके पीछे मकसद ये है कि एक ही बीमारी के इलाज में अलग-अलग राशि की वसूली न की जा सके. पैकेज के निर्धारण के लिए विभागीय उपसचिव ध्रुव प्रसाद की अध्यक्षता 31 अक्टूबर को बैठक रखा गया है. इस मीटिंग में राज्य के सभी संघ, महासंघ के मुलाजिमों के साथ विचार विमर्श और मंथन करने के बाद पैकेज को अंतिम रुप दिया जाएगा.

साढ़े चार लाख परिवारों को होगा फायदा

राज्य सरकार की इस योजना से करीब साढ़े चार ला परिवार को फायदा होगा, इनमे जो भी गंभीर बीमारियों से जूझ रहें होंगे. उनको इस 10 लाख रुपए उपचार के लिए कैशलेश स्कीम का फायदा मिलेगा. जानकारी के मुताबिक अभी इस स्कीम के लिए 1.42 लाख आवेदन आ चुके हैं औऱ अभी भी ये जारी है. इस स्कीम में मौजूदा विधानसभा सदस्य, राज्य के सभी सेवाओं के कर्मी और सेवानिवृत कर्मचारी इसमे शामिल है.

सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज

देशभर में आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में झारखंड स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत उपचार की सुविधा मिलेगी. इस योजना का भी संचालन झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के जरिए किया जाएगा. झारखंड सरकार की 10 लाख कैशलेश इलाज की सुविधा गंभीर रोगों में देने से काफी फायदा सरकारी कर्माचारियों और सेवानिवृत कर्मचारियों के आश्रितों को होगा. हालांकि, एक सच्चाई ये भी है कि इससे आम परिवारों को फायदा नहीं मिलने वाला है.