रांची (RANCHI) सांसद संजय सेठ ने शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया से दिल्ली में भेंट कर उनसे केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआईपी), कांके के रीडेवलपमेंट के लंबित पड़े प्रस्ताव को जल्द से जल्द मंजूरी देने की मांग की है. सांसद ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र देकर बताया कि सीआईपी देश का सबसे पुराना मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में कार्य करने वाला केंद्रीय संस्थान है. यहां विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्या से ग्रस्त लोगों का इलाज ओपीडी तथा इंडोर स्तर पर किया जाता है. यहां की बेड संख्या 643 है. कुल स्वीकृत 753 पदों में से 255 रिक्त पड़े हैं.
वर्ष 2019 में एक लाख मरीजों का हुआ था इलाज़
संस्थान में झारखंड के साथ-साथ बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों की बड़ी आबादी इलाज के लिए प्रतिदिन आती है. वर्ष 2019 में यहां एक लाख मरीजों का इलाज किया गया. किंतु यहां ओपीडी का अपना भवन नहीं होने के कारण संस्थान की पूरी क्षमता का लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है.
निमहांस बैंगलोर की तरह संस्थान में न्यूरोलॉजी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो
लंबे समय से संस्थान के रीडेवेलपमेंट के स्टैंडिंग फाइनेंस कमिटी (एसएफसी) का प्रस्ताव लंबित पड़ा है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से इस प्रस्ताव को अविलंब अपनी स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया ताकि निमहांस बैंगलोर की तरह संस्थान में न्यूरोलॉजी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो जाएं, साथ ही 500 बेड का नया हॉस्पिटल ओपीडी भवन के साथ बन सके. इसके बन जाने से झारखंड सहित आसपास के राज्यों की बड़ी आबादी को बहुत सुविधा और राहत मिलेगी.
केन्द्रीय मंत्री ने अधिकारियों को दिया निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने संबंधित पदाधिकारियों को इस मामले को जल्द से जल्द देखने का निर्देश दिया है.
किसी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को नहीं उठाया था
गौरतलब हो की सीआईपी के रीडेवेलपमेंट का प्रस्ताव लगभग डेढ़ दशक से लंबित पड़ी हुई है. अभी तक किसी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष इस मुद्दे को नहीं उठाया था. पहली बार सांसद संजय सेठ की इस पहल से सीआईपी के लोगों में उम्मीद की किरण जगी है.

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