गुमला(GUMLA): जिले के राजकियकृत प्राथमिक विद्यालय कंचोडा, रायडीह अब अपनी श्रेष्ठता के लिए राष्ट्रीय मानचित्र पर जाना जायेगा. यदि आपके पास इच्छा शक्ति हो तो सरकारी स्कूल भी बेहतर शिक्षा दे सकता है. यह स्कूल इसी दिशा में अग्रतर होता दिखाई दे रहा है. हाल ही में इस स्कूल का मनोनयन सरकार के सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित किया गया है.

केजी से 5वीं तक की होती है पढ़ाई
कंचोडा-रायडीह स्थित राजकीयकृत प्राथमिक स्कूल ने  स्वच्छ स्कूल अभियान 2021-22 के जनादेश को पूरा करते हुए 5 स्टार रेटिंग मिला है. स्कूल में स्वच्छ शौचालय, पेय जल, बागवानी ,सुंदर रंग रोगन इत्यादि है. इसके लिए जिलास्तर पर सर्वश्रेष्ठ स्कूल के लिए उपायुक्त ने पुरस्कृत और सम्मानित किया था. हालांकि अब स्कूल को राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित किया गया है. इसके अलावा स्कूल ने राज्यस्तर पर विद्यार्थियों के बेहतरीन रिजल्ट के लिए कांस्या (ब्रोंज) मेडल भी मिला. इस प्राथमिक स्कूल में कक्षा केजी से 5वीं तक की पढ़ाई होती है. इस स्कूल के 70 से अधिक विद्यार्थियों को नामांकित किया गया है. विद्यार्थियों और अभिभावकों का विश्वास जीतकर स्कूल ने एक बेहतरीन मुकाम हासिल किया और जिले को गौरवान्वित किया है. 

एक भी बच्चे नहीं आते थे स्कूल
इस सफलता की कहानी के पीछे एक संघर्ष की कहानी भी छिपी है. स्कूल के प्रधानाध्यापक प्रकाश कुजूर ने बताया कि साल 2000 में यह स्कूल महज 2 कमरों का था. यहां ना ही शौचालय की सुविधा थी और ना ही जल की व्यवस्था. उस समय स्कूल में एक 1 भी बच्चें नहीं थे और ज्यादा समय स्कूल को बंद ही रहता था. उस वक्त बच्चों की स्थिति भी बेहद दयनीय थी. उस वक्त वहां की सबसे बड़ी चुनौती, बच्चों का स्कूल में नामांकन करवाना था. इस स्थिति में जहां सभी का आत्मबल टूट चुका था वहीं स्कूल के वर्तमान प्रधानाध्यापक प्रकाश कुजूर ने हिम्मत नही हारी और उनके 21 वर्ष के प्रयास ने आज स्कूल की स्थिति को बेहतरीन स्वरूप दे दिया है.

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स्कूल में खेलकूद, योगा, संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन 
प्रकाश कुजूर ने कहा कि छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए उन्होंने स्कूल में कई खेल प्रतियोगिता करवाएं ताकि बच्चे आकर्षित हो और स्कूल में पढ़ने आए. उन्हें जिला प्रशासन की ओर से जो राशि मिलता था उसे स्कूल के मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने में लगाते थे. धीरे-धीरे उन्होंने स्कूल में रात्रि पाठशाला का भी आरंभ किया और कमजोर बच्चों को पढ़ा कर उन्हें  अव्वल बनाने में सहयोग किया. स्कूल में खेलकूद, योगा, संस्कृति कार्यक्रम इत्यादि के माध्यम से बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ मानसिक विकास किया. कोरोना काल के दौरान उन्होंने बच्चों को हाथ धोना, बच्चों को स्वच्छ रहना, बीमारियों के प्रति जागरुक करने का काम किया. वहीं, प्रकाश कुजूर ने प्रखंड विकास पदाधिकारी, शिक्षा विभाग और मुखिया इत्यादि से संपर्क स्थापित कर आवश्यक सहायता प्राप्त करते हुए स्कूल को आवश्यक सुविधाओं से लैस किया. आज स्कूल को राष्ट्रस्तर पर अपना परचम लहराने की दौड़ में है.

जिले के और स्कूल के लिए प्रेरणा : DC
जिले के डीसी सुशांत गौरव ने कहा कि स्कूल को इस स्तर पर ले जाने के लिए प्रधानाचार्य,  शिक्षक, स्टूडेंट और ग्रामवासियों का अहम योगदान है. उन्होंने कहा कि यह स्कूल जिले के बेहतरीन स्कूलों में से एक है. यह स्कूल अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणा का श्रोत है. इसका राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए नामित होना पूरे जिले के लिए सम्मान की बात है. जिले के सरकारी स्कूलों को बेहतर शिक्षण संस्था बनाने में जिला प्रशासन हर संभव मार्गदर्शन और सहायता के लिए तैयार है.

रिपोर्ट: सुशील कुमार सिंह, गुमला