टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ शेल कंपनी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई की कुछ पहलुओं को सुनने के बाद न्यायालय ने सुनवाई टाल दी. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी. शीर्ष अदालत के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ में मामले पर सुनवाई हुई.
सरकार पक्ष रखते हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि जनहित याचिका शर्तों को पूरा नहीं करती. यह याचिका राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court ) इस मामले में सुनवाई के लिए तैयार हो गया. उन्होंने अदालत से कहा कि ईडी ने सीलबंद लिफाफे में जो सबूत पेश किए हैं, उस पर कई आपत्ति हैं. लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी आपत्ति पर गौर नहीं किया.
ये भी देखें:
MLA सरयू राय के ट्वीट के बाद झारखंड में क्यों हुई हलचल तेज, जानिए विस्तार से
वहीं, कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जनहित याचिका में जिन मुखौटा कंपनी का जिक्र किया गया है. वे साठ के दशक से मौजूद हैं. यह जनहित याचिका राजनीति से प्रेरित है, इसलिए इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या राज्य या मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों से शिकायत की है. इस पर सिब्बल ने जवाब दिया नहीं. इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी और मूल याचिका से संबंधित सारे दस्तावेज पेश करने के लिए कहा. इसके बाद मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त कर दी गई.

Recent Comments