पाकुड़(PAKUR):झारखंड में विकास के दावों के बीच आज भी कई गाँव ऐसे हैं जहाँ बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. ऐसा ही एक उदाहरण है अमड़ापाड़ा प्रखंड के डुमरचिर पंचायत स्थित बड़ा बासको गाँव. जहाँ आज भी लोगों को खटिया पर लाद कर मरीजों को इलाज के लिए ले जाना पड़ता है.

आज तक नसीब नहीं हुई सड़क

यह घटना गाँव की वर्षों पुरानी पीड़ा को फिर से उजागर करती है.जब भी कोई बीमार पड़ता है, तो परिजनों को करीब 2 किलोमीटर कच्चे और पथरीले रास्तों से होकर मरीज को मुख्य सड़क तक पहुँचाना पड़ता है. हाल ही में एक वीडियो सामने आया जिसमें ग्रामीण एक बीमार व्यक्ति को खटिया पर लिटाकर दो लोग जंगल और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हुए मुख्य सड़क तक ला रहे थे ताकि वाहन से अस्पताल तक पहुँचा जा सके.

एम्बुलेंस पहुंचने में होती है परेशानी

गाँव में सड़क नहीं होने की वजह से एम्बुलेंस भी नहीं पहुँच पाती, जिससे हर आपात स्थिति में यही दर्दनाक तरीका अपनाना पड़ता है. बरसात के मौसम में यह रास्ता और भी खतरनाक हो जाता है, जिससे कई बार इलाज में देरी के कारण जान भी जा सकती है.

लाख गुजरिशों के बाद भी नहीं पूरी हुई मांग

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार सड़क निर्माण की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का सवाल है क्या आज़ादी के 75 साल बाद भी हमें यही झेलना होगा?यह सिर्फ एक गाँव की कहानी नहीं है, बल्कि उन सैकड़ों ग्रामीण इलाकों की सच्चाई है जहाँ विकास अब भी दस्तक नहीं दे पाया है.अब सवाल यह है क्या प्रशासन इस दर्द को सुनेगा ? क्या बड़ा बासको गाँव को एक पक्की सड़क की सौगात मिलेगी?

रिपोर्ट-नंद किशोर मंडल