पूर्णिया(PURNIYA):सीमांचल की सियासत और विकास की दिशा आज एक नया मोड़ लेने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पूर्णिया पहुँचेंगे और यहां से पूरे सीमांचल को 36 हज़ार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का तोहफ़ा देंगे. लंबे अरसे से उपेक्षा और पिछड़ेपन की कहानी रहे इस इलाक़े को अब नई रफ़्तार देने की तैयारी है.

पैकेज में क्या-क्या शामिल?

इस विकास पैकेज में एयरपोर्ट, रेल लाइन, बिजली परियोजना, एक्सप्रेस-वे और मखाना बोर्ड जैसी योजनाएं शामिल है. यह महज़ ढांचागत विकास नहीं बल्कि सीमांचल को मुख्यधारा से जोड़ने और पिछड़ेपन की धारा को तोड़ने की कोशिश है.कटिहार, अररिया, किशनगंज और मधेपुरा जैसे ज़िले, जो अब तक विकास की दौड़ में पिछड़े रहे, इस सौग़ात को ऐतिहासिक मान रहे है.

सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर पूर्णिया सुरक्षा छावनी में तब्दील हो गया है. हज़ार से ज़्यादा पुलिस बल और मजिस्ट्रेट तैनात.आसमान से ज़मीन तक निगरानी.एनएच पर भारी वाहनों की एंट्री बंद.शहर में ट्रैफिक पैटर्न बदला गया.

राजनीतिक पैग़ाम

यह दौरा केवल उद्घाटन और शिलान्यास तक सीमित नहीं है। यह असल में सीमांचल के लिए एक राजनीतिक पैग़ाम है.वर्षों से उपेक्षा की शिकार इस ज़मीन को लेकर धारणा रही है कि केंद्र और राज्य सरकारें इसे नज़रअंदाज़ करती रही है. मोदी का यह दौरा उस धारणा को बदलने की कोशिश है.उनका संबोधन केवल विकास योजनाओं की गिनती भर नहीं होगा, बल्कि विपक्ष को चुनौती और जनता को यह भरोसा दिलाने का प्रयास होगा कि अब सीमांचल राजनीति का हाशिया नहीं, बल्कि मुख्य मंच बनने जा रहा है.

जनता की उम्मीदें

पूर्णिया और आसपास के ज़िलों से हज़ारों लोग इस जनसभा में शामिल होने की तैयारी कर रहे है. उनकी सबसे बड़ी उम्मीदें सड़क, रोज़गार, बिजली और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी है.यदि यह परियोजनाएं समय पर धरातल पर उतरती हैं तो सीमांचल का नक्शा वाक़ई बदल सकता है.