रांची(RANCHI): सूर्या हांसदा ENCOUNTER में सीबीआई जांच की मांग को लेकर रांची आदिवासी संगठन के लोगों ने प्रदर्शन किया. साथ ही राजभवन पहुंच कर राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौपा है. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है. बता दे कि गोड्डा जिला के आदिवासी नेता सूर्यनारायण हादसा के एनकाउंटर के खिलाफ रांची में विरोध प्रदर्शन किया गया. सूर्या का एनकाउंटर 10 अगस्त को गोड्डा में किया गया है. सूर्या पर संथाल परगना में 30 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. जिसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया और फिर उसका अंत हो गया.
रांची में विरोध प्रदर्शन में जगलाल पहान ने कहा कि सूर्य नारायण हांसदा सदैव आदिवासी समाज की आवाज उठाते थे. सरकारी मशीनरी और माफियाओं का विरोध करते थे. जिस वजह से पुलिस ने उन्हें मार दिया है. उन्होंने कहा कि वह हमेशा आदिवासी हक, अधिकार, शिक्षा, भूमि सुरक्षा, युवाओं के भविष्य, रोहिंग्या मुसलमानो के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे. समाज में उनकी छवि एक स्वच्छ नेता,एक जननायक की थी लेकिन उनके संघर्ष और जन समर्थन से घबराकर प्रशासन और कुछ प्रभावशाली तत्वों की मिलीभगत से उन्हें एक षड्यंत्र के तहत फर्जी मुठभेड़ दिखाकर मौत के घाट उतार दिया गया.
ट्राई फर्स्ट के संयोजक आरती कूजूर ने कहा कि यह घटना न केवल मानव अधिकार का उल्लंघन है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी गहरा आघात है यह आदिवासी संस्कृति के जड़ों पर कुठाराघात भी है. केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि सूर्या नारायण हांसदा का एनकाउंटर पूरी तरह से फर्जी है. सरकार और पुलिस प्रशासन की मिली भगत के द्वारा षड्यंत्र के तहत उसकी हत्या की गई है. यह मामला केवल एक व्यक्ति या परिवार का नहीं बल्कि पूरे आदिवासी समाज के सम्मान,अधिकार और न्याय की लड़ाई का है. अगर निर्दोष व्यक्ति की हत्या को प्रशासनिक संरक्षण दिया जाएगा तो समाज का लोकतंत्र एवं न्यायपालिका से भरोसा उठ जाएगा. पूरा आदिवासी, झारखंडी समाज इसका विरोध करती है और इस फर्जी एनकाउंटर की सीबीआई जाँच की मांग करती है.
इस विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से पूर्व विधायक रामकुमार पहान ,केन्द्रीय सरना समिति अध्यक्ष बबलू मुंडा, मुख्य पहान जगलाल पहान, महादेव टोप्पो, सुरेन्द्र लिंडा, आरती कूजूर, रितेश उरांव,संदीप उरांव,सोमा उरांव,रवि मुंडा, रितेश रंजीत उरांव,उरांव, बिरसा पहान, अरूण पहान,उदय मुंडा, प्रेम लिंडा,चिकू लिंडा, आशीष मुंडा, मुकेश मुंडा, विशाल मुंडा, संतोष मुंडा, अनीता गाड़ी, आदि सैकड़ो की संख्या में आदिवासी समाज के कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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