रांची(RANCHI): झारखंड में नक्सलवाद पर कार्रवाई जारी है. अब नक्सली अंतिम सांस गिन रहे है. लेकिन विधानसभा में विधायक जयराम महतो ने ऐसी बात उठा दी. जिसकी चर्चा पूरे झारखंड में हो रही है. इस बयान के बाद सवाल सिस्टम पर खड़ा होने लगा है. आखिर क्या बेबसी और लाचारी में गरीब आदिवासी हथियार उठाने को मजबूर है. क्या कोई काम झारखंड में बिना पैसा का संभव नहीं है. ऐसे ही सवाल अब कई विधायक पूछ रहे है. जिसमें दावा कर रहे है कि झारखंड थाना से लेकर ब्लॉक तक बिना घुस के काम नहीं हो रहा है.
दरअसल विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन JLKM से चुनाव जीत कर सदन पहुंचे जयराम महतो जब बोलने को खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि झारखंड को अलग राज्य दिलाने के लिए भी आदिवासी खड़े हुए शहादत दी. उस समय भी गोली खाई. लेकिन जब राज्य अलग बन गया तो भी आदिवासी जंगल में गोली खा रहे है. जिन नक्सलियों पर पुलिस ने इनाम घोषित किया है. उनमें 50 से अधिक आदिवासी है. आखिर यह सोचने वाली बात है कि राज्य अलग मिलने के बाद भी आदिवासी नक्सल के रास्ते को क्यों पसंद कर रहे है.
इसके पीछे की वजह साफ है पहले अंग्रेज दमन करते थे अब पुलिस और अधिकारी गरीब आदिवासी को डराते है. कोई दबंग जमीन पर कब्जा कर लेता है तो उसे वापस नहीं दिलाते. बल्कि पैसा ले कर गरीब को ही जेल भेज दिया जाता है. जब नक्सली थे तब थानेदार और BDO थरथर काँपते थे. लेकिन आज हाल यह है कि ब्लॉक में बिना पैसे के कोई काम नहीं हो रहा है. जयराम ने कहा कि सरकार का सिस्टम पूरा फेल है और यही वजह है कि आदिवासी नक्सली बन रहे है.
हालांकि जयराम ने अपनी बात को शुरू करने से पहले ही कहा था की वह नक्सलवाद का समर्थन नहीं करते है यह असंवैधानिक है. लेकिन जो हालत है उसपर यह बोलने को मजबूर है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
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