रांची(RANCHI): झारखण्ड में चर्चित और सुर्खियों में रहने वाली सुषमा बड़ाइक अब फिर चर्चा में है. JLKM के दो नेता पर बलात्कार करने की कोशिश का आरोप लगाया है. इस मामला तब और बड़ा हो गया जब JLKM सुप्रीमो जयराम कुमार महतो ने भी सुषमा को फोन कर दिया. इस बातचीत का ऑडियो भी सामने आया है. ऐसे में सवाल है कि क्या सुषमा सभी कॉल को रिकॉर्ड करती है. यहाँ याद रहे कि यह वही सुषमा है जो IG नटराजन के खिलाफ स्टिंग करने के बाद यौन शोषण का आरोप लगया था. चलिए सुषमा बड़ाइक मामले में अब पूरी कहानी बताते है कि कैसे JLKM के नेताओं पर आरोप लगा और जयराम का क्या रॉल है.
बात पिछले महीने की है जब सुषमा बड़ाइक के साथ JLKM के दो नेता भोला महतो और विराट पर रेप करने की कोशिश का मामला SC-ST थाना में दर्ज कराया है. इस मामले में पुलिस भी जाँच कर रही है. लेकिन सुषमा बड़ाइक ने इसके बाद कई सवाल उठाये है.आखिर एक महिला के साथ इस तरह का काम करने वाले नेताओं पर कार्रवाई कब होगी, आखिर क्या इंसाफ अब नहीं बचा है. अगर देखे तो इसके बाद खुद जयराम महतो ने सुषमा बड़ाइक को फोन किया. जिसमें वह मामले को शांत करने की अपील कर रहे है. जयराम का फोन रिकॉर्ड किया जा रहा था. इसके बाद इस ऑडियो को भी जारी किया गया है.सुनिए क्या है दोनों के बिच बातचीत में
अब सवाल है कि आखिर सुषमा बड़ाइक कौन है.और कैसे इतना चर्चा में रहती है. आपको याद होगा 2005 में हुए बहुचर्चित हाई प्रोफ़ाइल रेप कांड में चर्चा में आई थी. इसमें कोई नेता या आम आदमी नहीं था बल्कि उस वक्त के तत्कालीन इंस्पेक्टर जनरल यानी IG नटराजन पर आरोप लगा था. सुषमा में यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस घटना के बाद राज्य में तूफान आ गया था. इस पूरे मामले में मीडिया की अहम भूमिका रही. एक निजी चैनल के स्टिंग में हुए खुलासे को “साक्ष्य” के तौर पर कोर्ट ने भी स्वीकार किया था.
सुषमा और नटराजन के बीच हुए अनैतिक कार्यों के उन फुटेज और रिकॉर्डिंग्स का कोर्ट ने भी इस्तेमाल किया था. बता दें इस हाई प्रोफ़ाइल स्टिंग के लिए सुषमा ने ही वीडियो रिकॉर्डिंग की थी. मालूम हो की पीएस नटराजन आदिवासी समुदाय से आनेवाली महिला सुषमा के साथ कई वर्षों से शारीरिक शोषण कर रहे थे. इस नरक से तंग आकर सुषमा ने मीडिया का सहारा लिया और एक दिन कैमरे के सामने नटराजन की करतूतों का पर्दाफाश कर दिया. इस स्टिंग के बाद जहां राजनीतिक हलचल तेज हुई थी वहीं पूरा पुलिस मकहमा भी कटघरे में खड़ा हो गया था.
इसके बाद प्रकरण के बाद आइपीएस नटराजन को वर्ष 2012 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. उनके खिलाफ यह कार्रवाई वर्ष 2005 में सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद की गई थी. 2 अगस्त 2005 को उनके खिलाफ लोअर बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. यह मुकदमा 12 साल तक चला था. इसके बाद कोर्ट ने वर्ष 2017 में नटराजन को रिहा कर दिया था. इस रिहाई के बाद पीड़िता ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अपील याचिका दायर की थी.
सुषमा सिर्फ नटराजन तक सीमित नहीं है बल्कि 50 से ज्यादा लोगों पर दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास और यौन शोषण का आरोप लगा चुकी है. इसकी जानकरी कई मीडिया रिपोर्ट्स में दर्ज है. कई अख़बार ने इसे प्रमुखता से लिया है.
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