धनबाद (DHANBAD) : राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार की शाम 4:15 बजे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि वोट चोरी के खिलाफ अभियान ने बिहार में धूम मचा दी है. इधर, विधानसभा चुनाव के पहले राष्ट्रीय जनता दल के दो विधायकों के बागी होने पर सियासी पारा गर्म हो गया है. नवादा विधायक विभा देवी और रजौली विधायक प्रकाशवीर 22 अगस्त को गयाजी में प्रधानमंत्री के मंच पर दिखे. राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पहले चार विधायक छोड़कर चले गए, तो कुछ नहीं हुआ, फिर दो जाएंगे तो भी कुछ नहीं होगा. 

राजद प्रदेश अध्यक्ष मांगनी लाल मंडल की आई प्रतिक्रिया 

उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में 78 विधायक चुनाव जीते थे. इनमें से चार विधायक पहले ही किसी न किसी दल में चले गए, अब दो और जा रहे हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि लालू  यादव ने उन्हें टिकट दिया था, फिर भी वह पार्टी छोड़कर चले गए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. वह सीट हमारी है, हमारा जन आधार कायम है, जो विधायक चले गए हैं, उन पर कार्रवाई का भी कोई मतलब नहीं बनता है. उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा. 
 
2024 की शुरुआत में चार विधायक राजद छोड़ दिए थे 
 
2024 की शुरुआत में बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद लालू  यादव की पार्टी के चार विधायक पाला बदलकर एनडीए में चले गए थे. इनमें प्रहलाद यादव, नीलम देवी, चेतन आनंद और संगीता कुमारी के नाम शामिल है. संगीता कुमारी को बाद में भाजपा ने अपना प्रवक्ता बना दिया था. नीलम देवी मोकामा से विधायक है और बाहुबली आनंद सिंह की पत्नी है. वही चेतन आनंद शिवहर से विधायक है और बाहुबली आनंद मोहन सिंह और जेडीयू सांसद लवली आनंद के बेटे है. मतलब चुनाव के पहले इधर से उधर आने जाने वालों का सिलसिला चलता रहेगा. इधर, बिहार में वोट चोरी के खिलाफ अभियान को लगातार मिल रही सफलता की वजह से महागठबंधन काफी उत्साहित है. 

सांसद गिरिराज सिंह ने कर दी है कड़ी टिप्पणी 
 
इधर, बिहार की राजनीति में  अब धृतराष्ट्र और दुर्योधन की एंट्री हो गई है. सांसद गिरिराज सिंह ने लालू यादव को धृतराष्ट्र तेजश्वी यादव को दुर्योधन बता दिया है. कह दिया कि जिस तरह दुर्योधन का राजा बनने का सपना पूरा नहीं हुआ, वही हालत तेजस्वी यादव की होगी. बिहार की जनता समझती है कि वह राजा बने, तो महाभारत ही होगा. लालू प्रसाद यादव के बारे में कहा कि वह व्याकुल भारत बन गए है. उनकी स्थिति धृतराष्ट्र वाली हो गई है. वह किसी भी प्रकार से अपने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठना चाहते हैं, लेकिन जिन लोगों ने महाभारत देखा है, वह जानते हैं कि धृतराष्ट्र अपने बेटे दुर्योधन को राजा नहीं बनवा सके.  क्योंकि उनकी सोच और नीतियां ही गलत थी.

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो