टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पिछले साल गांधी जयंती के दिन यानी कि 2 अक्टूबर को मुंबई से गोवा जा रही एक क्रूज शिप पर एनसीबी ने छापा मारा था. इसमें ड्रग्स के साथ कई लोगों को हिरासत में लिया गया था. इस केस में जो सबसे चर्चित नाम सामने आया था, वो  था शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का. आर्यन खान को कई दिनों तक जेल में भी बंद रहना पड़ा था. इस पूरे केस में आर्यन खान के अलावा एक और नाम की चर्चा बहुत हुई थी. वो थे एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े. यह केस जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, वैसे –वैसे समीर वानखेड़े भी विवाद में फंसते गए. पहले तो उनपर इक्स्टॉर्शन का आरोप लगा. और इसके बाद उनपर गलत जाति प्रमाण पत्र होने का भी आरोप लगा. यह आरोप उनपर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने लगाए थे. मगर, अब समीर वानखेड़े को राहत मिली है.   

कमेटी ने दी क्लीन चीट        

समीर वानखेड़े की जाति को लेकर सालभर से चल रहे विवाद को कास्ट स्क्रूटनी कमेटी खत्म कर दिया है. कमेटी ने वानखेड़े को क्लीन चीट दे दी है. कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने 91 पेज का आदेश सौंपा है. इस आदेश में उस दलील को खारिज कर दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान हैं. जांच कमेटी ने अपने आदेश में कहा कि समीर वानखेड़े और उनके पिता ज्ञानेश्वर वानखेड़े ने हिंदू धर्म का त्याग नहीं किया था और न ही मुस्लिम धर्म को अपनाया था. कमेटी ने आगे कहा कि समीर वानखेड़े और उनके पिता महार- 37 अनुसूचित जाति के हैं जो हिंदू धर्म में मान्यता प्राप्त है. जांच कर रही कमेटी ने माना कि महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक, मनोज संसारे, अशोक कांबले और संजय कांबले जैसे अन्य शिकायतकर्ताओं ने समीर वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र के बारे में शिकायत की थी, लेकिन ये लोग अपने दावे साबित नहीं कर पाए.