टीएनपी डेस्क(TNP DESK): जाने माने तर्कशास्त्री और लेखक केएस भगवान ने एक बार फिर से अपने बयानों से देश की राजनीति में तूफान ला दिया है. अपने ताजा बयान में केएस भगवान ने दावा किया है कि दस्तावेज तो प्रमाणित करते हैं कि भगवान राम हर दोपहर सीता के साथ बैठकर शराब का सेवन करते थें. उन्होंने कहा कि यह मेरा बयान नहीं होकर दस्तावेज हैं, जिसकी कोई भी जांच कर सकता है. उनके द्वारा अपनी बातों को साबित करने के लिए वाल्मीकि रामायण का सहारा लिया गया है.
कर्नाटक के मांड्या में एक संबोधन के दौरान विवादित टिप्पणी
दरअसल के.एस भगवान कर्नाटक के मांड्या में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थें. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि राम कभी भी उनके आर्दश नहीं हो सकते. हम यह कभी नहीं भूल सकते कि उनके द्वारा अपनी गर्भवती पत्नी को जंगल भेजा गया था, साथ ही एक दलित शंबूक की हत्या मात्र इसलिए कर दी गयी कि वह किसी पेड़ के नीचे बैठ कर तप कर रहा था. आखिरकार वह हमारे आदर्श कैसे हो सकते हैं
पहले भी दे चुके हैं इस प्रकार के बयान
दरअसल यह कोई पहली बार नहीं है कि केएस भगवान के द्वारा इस प्रकार की टिप्पणी की गयी है, इसके पहले वर्ष 2019 में उनके द्वारा अपनी पुस्तक 'राम मंदिर येके बेड़ा” यह दावा किया गया था कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान राम ना सिर्फ नशापान करते थें बल्कि वह इसका सेवन सीता को भी करवाते थें. जिसके बाद कर्नाटक में बवाल मच गया था, कुछ हिन्दू संगठनों के द्वारा उनके घर के बाहर पूजा करने की कोशिश की गयी थी.
हिंदू संगठनों का दावा उत्तर कांड बाद में जोड़ा गया, वाल्मीकि रामायण का हिस्सा नहीं
हिन्दू संगठनों का दावा था कि हिंदू उत्तर कांड से सहमत नहीं हैं. संगठनों का दावा था कि इसकी रचना वाल्मिकी के द्वारा नहीं की गयी है. भगवान राम के अस्तित्व पर भी सवाल उठाने के कारण वर्ष 2021 में मीरा राघवेन्द्र नामक महिला के द्वारा बेंगगुरु की एक अदालत में उनपर कालीख पोती गयी थी.
शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के बयान से बिहार में मचा है बवाल
यहां बता दें कि हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने भी तुलसीदास रचित रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों को उद्धृत करते हुए यह दावा किया था कि रामचरित मानस बंच ऑफ थॉट और मनुस्मृति के समान ही देश के दलित, वंचित और दूसरी पिछड़ी जातियों के प्रति समाज में घृणा फैलाता है. यह विभाजनकारी ग्रन्थ हैं.
शिक्षा मंत्री के बयान के साथ खड़ी है राजद
शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर जहां भाजपा सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन कर रही है, सरकार से उनके इस्तीफे की मांग कर रही है, वहीं दूसरे अंबेडकवादी संगठन शिक्षा मंत्री के पक्ष में खड़े हो गयें है, राजद की ओर से यह सवाल उठाया जा रहा है कि दलित, पिछड़े इस देश की कुल आबादी का 85 फीसदी हिस्सा है, उनके साथ इस तरह के अपमानकारी बयानों के साथ खड़ा होकर भाजपा क्या संदेश देना चाहती है, देश की 85 फीसदी आबादी कब तक अपमान का घूंट पीती रहेगी. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगनानंद सिंह ने साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर देश में कमंडलवादी ताकतों के आगे मंडलवादी समूहों को झुकने नहीं दिया जायेगा. पूरा राजद परिवार शिक्षा मंत्री के साथ खड़ी है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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