टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश में चर्चित कोयला घोटाले में आज एक बड़ा फैसला आया है. दिल्ली एक विशेष सीबीआई अदालत ने देश के पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को तीन साल की सजा सुनाई है. एचसी गुप्ता के साथ ही पूर्व संयुक्त सचिव के. एस क्रोफा को दो साल और नागपुर स्थित फर्म मेसर्स ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मुकेश गुप्ता को चार साल की कैद की सजा सुनाई गई है.
2005 से 2011 के दौरान हुआ था घोटाला
बता दें कि यह चर्चित कोयला महाराष्ट्र के एक कोयला ब्लॉक के आवंटन में हुई धांधली से जुड़ा हुआ है. इस पूरे मामले में सीबीआई की ओर से बताया गया कि दोषियों द्वारा वर्ष 2005 से 2011 के बीच की अवधि के दौरान दिल्ली, महाराष्ट्र व अन्य स्थानों पर आपराधिक साजिश रच कर कोयला मंत्रालय को धोखा दिया गया. कोर्ट ने 10 अगस्त 2015 को पीसी एक्ट की धारा 120बी आर/डब्ल्यू 409/420 आईपीसी आर/डब्ल्यू 13(2) आर/डब्ल्यू 13(1)(सी) और (डी) के तहत दंडनीय अपराधों का संज्ञान लिया. इसके बाद आरोपी व्यक्तियों को न्यायालय के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया गया था. मुकदमे के दौरान अभियोजन/सीबीआई ने अपना मामला साबित करने के लिए कुल 34 गवाहों से पूछताछ की थी.
विदेश से आयात करने को मजबूर हुए कोयला
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बताया था कि कोयला घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है. इस घोटाले के कारण ही देश को विदेशों से कोयला आयात करना पड़ रहा है. इसका असर यह है कि कंपनियां कोयला खदानों की खदान के लिए आगे नहीं आ रही हैं. सीबीआई ने आगे बताया कि देश में पर्याप्त कोयला है, मगर कोयला उपलब्ध होने के बावजूद हम कोयला नहीं निकाल पा रहे हैं.
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