रांची - केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने कांग्रेस को गुस्सा दिलाने वाला निर्णय लिया है.इसने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस ' मनाने की घोषणा की है. गृह मंत्रालय ने बाकायदा गजट में इसी प्रकाशित किया है यानी इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है अब प्रत्येक साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' मनाया जाएगा.

जानिए आपातकाल के बारे में विस्तार से

 यह तारीख भारत के इतिहास के पन्नों में काले अक्षरों से दर्ज है ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस दिन तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आंतरिक सुरक्षा पर खतरा को आधार बनाकर आपातकाल की घोषणा कर दी थी. संविधान के अनुच्छेद 352 में आपातकाल लगाने का प्रावधान है. देश की जनता के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे. प्रेस की आजादी छिन गई थी.विरोधी दल के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. दरअसल इंदिरा गांधी सरकार को छात्र आंदोलन से उपजी स्थिति कहीं ना कहीं डर गई थी. लोकसभा का चुनाव की स्थगित कर दिया गया था. 

केंद्र की एनडीए सरकार ने क्यों यह नाम दिया

केंद्र के भाजपा नेता वाली मोदी सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित कर दिया है यानी अब सरकारी स्तर पर यह दिन जाना जाएगा. वैसे भारतीय जनता पार्टी पहले से ही इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाती रही है और इसके तहत के कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं.

25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित करने के पीछे भाजपा की मंशा कांग्रेस को नीचा दिखाए. जबकि इस घटना के अब 50 साल हो गए हैं. केंद्र की भाजपा सरकार का कहना है कि आपातकाल के दौरान लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार को क्रूरतापूर्वक कुचल दिया गया था. निर्दोष लोगों को जेल में भर दिया गया था. झारखंड बीजेपी के प्रमुखता प्रदूषण ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में अन्याय किया था.इसलिए देश के युवाओं को या आने वाली पीढ़ियों को इसके बारे में जानना चाहिए. उधर कांग्रेस के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी के संविधान बचाओ अभियानसे उनकी डर गए हैं. उन्हें मणिपुर हिंदु पर गजट प्रकाशित करना चाहिए.