टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अपनी नाकारात्मक खबरों के लिए बदनाम यूपी पुलिस महज 13 मिनट के अन्दर आत्महत्या को इंस्टाग्राम पर लाइव करता गाजियाबाद के एक युवक के दरवाजे पर पहुंच गयी और इस प्रकार युवक को मौत के फंदे में जाने से बचा लिया.
इंस्टाग्राम लाइव में सुसाइड की तैयारी में था युवक
दरअसल युवक अभय शुक्ला इंस्टाग्राम लाइव में सुसाइड करने की तैयारी कर रहा था, इस बीच अमेरिका के कैलिफोर्निया में फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा हेडक्वार्टर में यह वीडिया दिखाई पड़ा, जिसके बाद तत्काल इसकी सूचना यूपी पुलिस को दी गयी, और यूपी पुलिस भी अपनी छवि के विपरीत तेजी से हरकत में आ गयी और 13 मिनट के अन्दर-अन्दर युवक के दरवाजे पर खड़ी हो गयी.
मेटा कंपनी से यूपी पुलिस का है एकरारनामा
यहां बता दें कि पिछले साल ही यूपी पुलिस ने मेटा कंपनी से एक एकरारनामा किया था कि फेसबुक और इस्टाग्राम पर आत्म ह्त्या की पोस्ट देखे तो उस हालत में तुरंत पुलिस को अलर्ट किया जाय.
9.57 पर शुरु हुई थी Live Sucide
प्राप्त जानकारी के अनुसार अभय शुक्ला रात्रि 9.57 पर शुक्ला इंस्टाग्राम पर लाइव आकर फांसी का फंदा बनाने की कोशिश कर रहा था. जिसके तुरंत बाद ही यूपी पुलिस को एक मैसेज आया, इसी मैसेज में अभय का मोबाइल नंबर भी था, इसी मोबाइल नम्बर से पुलिस को अभय का लोकेशन की जानकारी मिल गयी और उसकी जिंदगी बचा ली गयी.
बताया जाता है कि जब पुलिस उसके दरवाजे के करीब पहुंच तो चुकी थी, लेकिन फिर से एक्युरेट लोकशेन नहीं मिल रहा था. पुलिस की ओर से उसे लगातार फोन किया जा रहा था, लेकिन वह बार बार फोन काट रहा था, आठवीं वार में उसने फोन उठा लिया, वह सिर्फ और सिर्फ रो रहा था. पुलिस की ओर से उसका ढाढस बढ़ाया जाता रहा, लगातार उसको बातों में उलझाये रखा गया और इसी क्रम में उसका घर संख्या की जानकारी उसी से निकलवा ली गयी, वह पुलिस से मात्र 15 मीटर पर खड़ा था, यह जानकारी मिलते ही पुलिस उसके घर की चल पड़ी और अचानक वह उसके सामने खड़ी थी.
भारी कर्ज के कारण मानसिक दवाब में युवक
खबरों के अनुसार अभय शुक्ला को अपने काम में नुकसान हो रहा था, अभी कुछ दिन पहले ही मां से कुछ पैसों की मांग किया था, तब मां ने उसकी बहन की शादी के लिए रखे गये पैसे उसे दिये थें, लेकिन उस पैसे से भी उसकी किस्मत नहीं बदली, उसका बिजनेस डूबता गया, पुलिस की ओर से अभय शुक्ला का काउंसलिंग किया जा रहा है, उसे यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि जिंदगी बचने के बाद किसी भी कर्ज की भरपायी हो जायेगी, मौत इसका समाधान नहीं.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
Recent Comments