टीएनपी डेस्क(TNP DESK): अपने विवादित बयानों के कारण मीडिया की सुर्खियां बनते रहे धीरेन्द्र शास्त्री अब धर्माचार्यों के निशाने पर भी आते जा रहें हैं. जहां धीरेन्द्र शास्त्री के भक्त उनके चमत्कारों की चर्चा कर रहे हैं, वहीं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने धीरेन्द्र शास्त्री को चुनौती देते हुए कहा कि इतनी ही शक्ति है तो वे अपनी शक्तियों का प्रयोग कर जोशीमठ की धंसती जमीन को रोक क्यों नहीं देते. लगभग यही हाल स्वामी प्रेमानंद का है, उन्होंने तो धीरेन्द्र शास्त्री को तुक्केबाज बताते हुए सभी बाबाओं से दूर रहने की सलाह भी दे डाली है.
छोड़ दो यह भ्रम कि बाबाओं के दर्शन से तुम्हारी किस्मत बदलेगी
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में उन्होंने कहा है कि इस भ्रम को जितनी जल्दी छोड़ दो, उतना ही अच्छा रहने वाला है कि किसी भी बाबा के दर्शन से तुम्हारी किस्मत में कोई बदलाव आने जा रहा है. अपनी किस्मत देखने के पहले उन बाबाओं की ही किस्मत देख लो, जब उनकी किस्मत नहीं बदली तब तुम्हारी किस्मत कैसे बदल जायेगी? हस्तरेखा देख भाग्य बताने से पूछो तो उन्होंने अपना भाग्य देखा है? वह अपना भाग्य सुधार कर अरबपति क्यों नहीं हो जाते?
चमत्कार एक भ्रम है- प्रेमानंद
प्रेमानंद कहते हैं कि संत समागम, भगवन चिंतन और नाम जप एक माध्यम है, लेकिन कृपा हो जाय, काम हो जाय, ऐसा कुछ नहीं होता, हां तुक्का लग जाय वह कुछ और बात है,
तुम्हारा पुण्य फलित हो गया और कहे कि बाबा के पास गए और काम हो गया. यह दूसरी बात है. हम इन बातों पर विश्वास नहीं करते. हमारे पास कभी भी इन बातों के लिए मत आना. चमत्कार एक भ्रम है, ये सब ड्रामा है, नाटक है माया का. संतों की कृपा जानते हो, संत बन जाओगे. संतों की कृपा का फल ये होता है. संतों का चमत्कार, स्थान का चमत्कार ये सब नहीं होता. ये तुक्का है और किसी तुक्के में मत आना.
प्रेमानंद के फैन हैं पूर्व कप्तान विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा
यहां बता दें कि यह वही प्रेमानंद शरण हैं जिनके पास हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ गए थें, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
कौन हैं स्वामी प्रेमानंद
बाबा प्रेमानंद का जन्म कानपुर में सरसोल ब्लॉक के अखरी गांव में हुआ था. इनका बचपन का नाम अनिरुद्ध पांडेय थे. इनके दादा भी एक सन्यासी थें. कहा जाता है कि महज 13 साल की उम्र में इन्होंने रात्रि के 3 बजे अपना घर छोड़ दिया था. उसके बाद वह मथुरा में मोहितमल गोस्वामी के शिष्य बन गयें.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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