टीएनपी डेस्क(TNP DESK): हम चाहे जितनी भी अपनी आधुनिकता की दावा करें, लेकिन जब इसकी परीक्षा की बारी आती है, हमारे दावे भुरभुरा कर जमींदोज हो जाते हैं. जाति, धर्म और रंग की दुनिया के आगे हम एक कदम नहीं बढ़ा पातें. इस 22 वीं सदी में भी हमारी सोच 16वीं सदी से आगे बढ़ने का नाम नहीं लेती. कठमुल्लापन और सामंती सोच आज भी हमारे जीवन का अहम हिस्सा है.
जाति धर्म के आगे टूट रहें हैं युवाओं के सपने
यही कारण है कि आज भी जाति और धर्म की दीवार के आगे कई युवाओं के सपने टूट रहे हैं, उनकी इच्छाओं और जीवन के आगे सामाजिक मान्यताएं खड़ी हो जाती है, यही सामाजिक मान्यताएं उनके जीवन में जहर घोल रही है.
सिरसा जिले की घटना
कुछ ऐसा ही हुआ हरियाणा के सिरसा जिले में, पुलिस को गांव के पास ही एक झोपड़ी से युवक-युवती का शव बरामद हुआ है, साथ ही घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, लड़की के हाथ पर लिखा है कि अगली बार एक जात में पैदा करी भगवान.
हिन्दू धर्म से लड़का, जबकि मुस्लिम धर्म की थी लड़की
लड़के की पहचान 25 वर्षीय अरूण कुमार वासी और लड़की की पहचान 23 वर्षीय निसा वासी छानी के रुप में हुई है, लड़की मुस्लिम धर्म की मानने वाली थी. लड़के ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह और निसा दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थें, दोनों ने एक दूसरे साथ जीने मरने की कसम खायी थी, दोनों एक दूसरे साथ अपना जीवन गुजारना चाहते थें. लेकिन उनकी इन छोटी सी ख्वाहिशों के बीच आ रही थी धर्म की दीवार, मृतक अरूण कुमार वासी का मामा दोनों को जान से मारने की धमकी दे रहा था, उसके कारण दोनों की जिन्दगी नर्क बन रही थी. अब पुलिस सुसाइट नोट के आधार पर उसके मामा ओमप्रकाश और चचेरा भाई राजुकमार के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कर रही है.
धर्म की बलिबेदी पर चढ़ गयी दोनों की जिंदगी
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस प्राथमिकी से उन युगल जोड़ों का क्या हासिल होगा, उनका प्रेम तो धर्म की बलि बेदी पर चढ़ गयी. अब सारी औपचारिकाताओं से उन्हे क्या मिलने वाला, सवाल तो उस मानसिकता को दूर करने का है जो ऐसे नाजुक रिश्ते में भी जाति और धर्म की दीवार को देखता है, धर्म के असली मायने को भूल जाता है, अब उन्हें कौन बताये कि यदी कोई भी धर्म किसी के सपने और अफसानों के सामने दीवार बन कर खड़ा होता है, तो वह कुछ भी कम से कम धर्म नहीं हो सकता, हमें इस मध्यकालीन सोच और संस्कृति से बाहर आना होगा, शायद तब ही हम एक आधूनिक भारत का निर्माण कर पायेंगे.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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