टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश की राजधानी दिल्ली में आज नीति आयोग की बैठक चल रही है. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. आपको बता दें कि बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेश के उप राज्यपालों को शामिल होना था. लेकिन तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस बैठक से दूरी बना ली है. जिसके बाद से ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.
KCR ने भेदभाव का लगाया आरोप
तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने सबसे पहले पीएम को चिट्ठी लिखकर बैठक से दूरी की बात कही. उस चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि 'भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में तभी विकसित हो सकता है, जब राज्य विकसित हों. मजबूत और आर्थिक रूप से जीवंत राज्य ही भारत को एक मजबूत देश बना सकते हैं. मैं भारत को एक मजबूत और विकसित देश बनाने के हमारे सामूहिक प्रयास में राज्यों के साथ भेदभाव करने और उन्हें समान भागीदार के रूप में नहीं मानने के केंद्र सरकार के वर्तमान रुख के खिलाफ इस बैठक से दूर रहूंगा.' हालांकि उनके इस आरोप के बाद भाजपा ने भी केसीआर पर आरोप लगाया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केसीआर खुद को निजाम समझते हैं. इसलिए उन्हें राज्य और देश के विकास पर हो रही चर्चा से कोई मतलब नहीं है.
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नीतीश का वजह साफ नहीं
केसीआर के अलावा बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी बैठक में शामिल नहीं हुए. हालांकि नीतीश बैठक में क्यों नहीं पहुंचे इसका जवाब नहीं दिया गया है. लेकिन माना ये जा रहा कि भाजपा ने बिहार में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी, उसमें भी नीतीश कुमार ने किनारा कर लिया था. इस बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा भी शामिल हुए थे. उन्होंने पटना में रोड़ शौ भी किया था. माना ये जा रहा है कि जेडीयू और भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. यही वजह है कि नीतीश बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. हालांकि एक कारण यह भी सामने आ रहा है कि कोरोना संक्रमित होने के कारण सीएम बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. खैर, आपको बता दें कि साल 2019 के बाद ये नीति आयोग की पहली बैठक है.
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