हजारीबाग (HAZARIBAGH) : कुछ कर गुजरने के लिए न तो नामी संस्थानों की बड़ी-बड़ी डिग्री जरूरी है और न अनुभव. बड़ी पूंजी हो, तभी अपना व्यापार शुरू किया जा सकता, ऐसा भी नहीं है. दृढ़ इच्छा शक्ति और हौसले के बल पर अपनी तकदीर खुद गढ़ी जा सकती. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है हजारीबाग जिले के ईचाक प्रखण्ड के बरियठ गाँव निवासी संजु देवी ने.
संजू देवी एक हाउसवाइफ थीं. अपनी पहचान बनाने और आत्मनिर्भरता की ख्वाहिश से एक एनजीओ से जुड़ीं. उसके बाद जेएसएलपीएस के माध्यम से झारखण्ड ग्रामीण बैंक का बीसी प्वाईंट लेकर कार्य शुरु की. इससे उनकी मासिक आमदनी 4000 से 5000 रुपए तक हो जाती थी. इतनी कम आमदनी के साथ पारिवारिक जिम्मेवारियो का निर्वहन कर पाना मुश्किल हो रहा था. इसलिए कुछ समय पश्चात् समूह से 25000 रुपए ऋण लेकर ब्युटी पार्लर एवं श्रृंगार दुकान साथ-साथ चलाने का निर्णय लिया. अब आराम से 10000 रुपए तक की आमदनी हो जाती है. आज संजू अपने परिवार का आर्थिक सहयोग करने में सक्षम है.
रिपोर्ट : राकेश कुमार, हजारीबाग
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