पाकुड़(PAKUD)- भारत सरकार पर्यावरण को बचाने और संतुलित रखने के लिए जहां वृक्ष लगाने की मुहिम चला रही है. वहीं लकड़ी माफिया धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई कर जंगल को समाप्त करने पर तुले हैं. ताजा मामला प्रखंड मुख्यालय स्थित स्वर्ण लता इंडियन गैस गोदाम के बगल की है. जहां बीते रात लकड़ी माफियाओं द्वारा पेड़ को काट दिया गया. क्षेत्र के विभिन्न गांवों के जंगलों में इन दिनों कीमती पेड़ों की कटाई कर लकड़ी माफिया बंगाल भेज रहे हैं. जंगलों से गम्हार, शीशम, सागवान आदि बेशकीमती पेडों की कटाई और तस्करी बेखौफ चल रहा है. प्रति दिन कभी इस गांव तो कभी उस गांव के जंगलों से लकड़ी को पिक अप वाहन में निर्भीक होकर कटे हुए लकड़ी के बोटा को लोड कर बंगाल भेजने का कार्य करने में लगे हुए है.
लकड़ी माफियाओं का खेल
लकड़ी माफिया पहले विशाल वृक्ष को टुकड़े में काट कर कुछ दिनों के लिए छोड़ देते है उसके बाद कटे हुए पेड़ों की टहनियों की हरियाली खत्म होते ही उसे पिक अप वैन में लोड कर सीमा क्षेत्र पश्चिम बंगाल के लकड़ी टिम्बर या मिल में पहुंचा देते है. यह कार्य रोजाना रात के अंधेरे में होता है. खुलेआम चेकपोस्ट होते हुए बंगाल तक लकड़ी तस्करी की जा रही है. पुलिस और वन विभाग का लकड़ी माफियाओं के साथ मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है. जिसका परिणाम यह है कि लकड़ी माफियाओं का मनोबल बढ़ गया है. अगर समय रहते लकड़ी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले दिनों में क्षेत्र के सभी जंगल साफ हो जाएंगे.
रिपोर्ट:राजेश कुमार,महेशपुर,पाकुड़
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