धनबाद(DHANBAD)-जज उत्तम आनंद मौत मामले में सीबीआइ की टीम जांच के लिए हर संभव वैज्ञानिक तरीके को अपना रही है. आरोपित ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की कुछ दिन पहले दिल्ली में लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ. अब नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग की तैयारी हो रही है. इसके लिए सीबीआइ दोनों आरोपितों को साथ में लेकर सोमवार की रात धनबाद से नई दिल्ली के लिए राजधानी एक्सप्रेस रवाना हो गई. धनबाद स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने नार्को टेस्ट के लिए 19 अगस्त तक के लिए आरोपितों का रिमांड पर दिया है.
28 जुलाई की सुबह जज उत्तम आनंद की हुई थी मौत
जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई की सुबह हुई थी. वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे. इसी दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया था. अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया. घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह हादसा नहीं है. जज को जानबूझकर धक्का मारा गया. इस घटना को सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया. झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को सौप दी गई. जिसके बाद सीबीआइ की विषेश टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर जांच करते हुए घटना के सबूत जुटाया.
20 दिन बाद भी नहीं मिला कोई साक्ष्य
28 जुलाई को जिला और सत्र न्यायाधीश की मौत हुई. इसके बाद यह सवाल उठा कि यह हादसा है या साजिश. पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआइटी ने मामले की जांच की. इसके बाद पूरे मामले की जांच सीबीआइ कर रही है. जज को धक्का मारने वाले ऑटो के चालक लखन वर्मा और राहुल वर्मा को सीबीआइ रिमांड पर लेकर तफ्तीश कर रही है. इसके बाद भी 20 दिनों में ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है जो साजिश की ओर इशारा करता हो.
रिपोर्ट:अभिषेक सिंह,धनबाद
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