गुमला(GUMLA)-झारखंड का गुमला जिला एक समय खेल गांव के रूप में चर्चित हुआ करता था लेकिन जब से झारखंड अलग हुआ है तब से सरकार की उदासीनता के कारण यहां से खिलाड़ी लगातार उपेक्षित होते जा रहे हैं, यही कारण है कि इस समय राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी देने वाला गुमला जिला भी पूरी तरह से अब अपनी पहचान खो चुका है ऐसे में खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए कई सामाजिक संगठन सामने आए हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को अभी से ही खेल की प्रशिक्षण देकर उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

जैसे तैसे अभ्यास करने को मजबूर है खिलाड़ी

गुमला जिले के खिलाडियों ने ना केवल गुमला बल्कि पूरे झारखंड का नाम पूरे देश स्तर पर रौशन किया है.लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से खिलाड़ियों को सुविधा नहीं दी जा रही है उसके कारण खिलाड़ी जैसे-तैसे प्रशिक्षण पाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इन्हीं सबके बीच एक सामाजिक संगठन भारतीय लोक कल्याण संस्थान द्वारा के खिलाड़ियों को विशेष रूप से प्रशिक्षण देने की कोशिश की जा रही है संस्थान के लोगों की मानें  तो इनके द्वारा पूरी तरह से नि:शुल्क व्यवस्था के बीच खिलाड़ियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

सरकारी उदासीनता के कारण खेल से दूर हो रहे हैं खिलाड़ी
सरकारी उदासीनता के कारण पूरी तरह से खेल की ओर से अपने आपको अलग कर चुके खिलाड़ियों के अंदर भी इस तरह की पहल ने एक बार फिर से उत्साह का माहौल पैदा किया है और अब खिलाड़ी लगातार खेल मैदानों में अपना पसीना बहा कर अभ्यास कर रहे हैं और खिलाड़ियों का  दावा है कि जिस तरह से उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है यह परंपरा लगातार बनी रही तो वो दिन दूर नहीं है कि एक बार फिर से वह गुमला का नाम खेल के क्षेत्र में रौशन होगा.



खेल की नगरी गुमला की पहचान दोबारा लौटेगी 
गुमला जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी तरह से निराश बैठे खिलाड़ियों के बीच अब एक नई उम्मीद जगी है और जिस तरह से संस्थान ने संसाधन उपलब्ध करवाकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देना शुरू किया है अब ऐसे में ये लग रहा है कि खेल की नगरी गुमला  की पहचान दोबारा लौट आयेगी. यहां के खिलाड़ी गुमला ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड के साथ भारत का नाम रोशन कर पाएंगे बस जरूरत है ऐसी संस्थानों को भी सरकार की ओर से सहयोग मिले.ताकी वह पूरी तरह से ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ियों को एक बेहतर अवसर प्रदान करने में सक्षम हो पाए .बेहतर संसाधन और सुविधा के बीच ही खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है जो  सरकार के सहयोग के बिना संभव नहीं है.

रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह,गुमला.