दुमका(DUMKA) जिला के मसलिया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. बता दें कि वैसे तो घटना 17 अगस्त की हैं लेकिन पीड़िता ने 29 अगस्त को थाना में इसकी प्राथमिकी दर्ज करायी है. मामला दर्ज होने के 36 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली है.
नाबालिग को जंगल ले जाकर दिया घटना को अंजाम
एक बार फिर शर्मसार हुआ उपराजधानी दुमका.17 अगस्त को एक नाबालिग के साथ 10 दरिंदों ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. मेला देख कर घर लौट रही नाबालिग को जंगल में ले जाकर घटना को अंजाम दिया और जान से मारने की धमकी के साथ लड़की को छोड़ दिया. घटना के तीन दिन बाद पीड़िता ने फोन पर अपनी बहन को घटना की सारी जानकारी दी. जिसके बाद बहन ने पिता को सारी बाते बताई. उसके बाद सामाजिक स्तर पर मामले को लेकर पंचायत हुई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकलने पर पीड़िता 29 अगस्त को परिजन के साथ थाना पहुंच कर लिखित आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू की लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस ने अब तक कोई सफलता हासिल नहीं हुई हैं. बता दें कि प्राथमिकी में संजय सोरेन, रमेश मुर्मू, मिथुन, बुलेट, चक्र सहित 5 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है.
जिला में लगातार होती रहती हैं ऐसी घटनाएं
बता दें कि दुमका में गैंग रेप की यह कोई पहली घटना नहीं है. हाल के वर्षों में मुफस्सिल और रामगढ़ थाना क्षेत्र में गैंग रेप की घटनों ने जनमानस को झकझोर के रख दिया था. वहीं पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भी पहुंचाया. रामगढ़ थाना में 5 फरवरी को एक मासूम के साथ गैंग रेप और हत्या मामले में कोर्ट ने 3 मार्च को इसमें शामिल तीन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. संथाल परगना प्रमंडल में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि इस तरह के मामले में पहले तो सामाजिक स्तर पर पंचायत बूलाकर समाधान का प्रयास किया जाता है, लेकिन जब बात नहीं बनती तो मामला थाना तक पहुंचता है. इसे कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता, क्योंकि समय बीतने के साथ ही एक तरफ जहां आरोपी को फरार होने का मौका मिल जाता है वहीं घटना से संबंधित कई साक्ष्य मिटा दिए जाते हैं.
रिपोर्ट: पंचम झा,दुमका
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