रांची (RANCHI): झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा सितंबर 2023 में आयोजित सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (CGL-2023) में कथित अनियमितताओं को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले में पहले दिए गए अंतरिम आदेश को अगले आदेश तक यथावत रखने का निर्देश दिया है. अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी.
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि अब तक की जांच में प्रश्नपत्र लीक होने के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा कि सीआईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षा में पिछले वर्षों के कुछ प्रश्न दोहराए गए थे, लेकिन इसे पेपर लीक नहीं माना जा सकता. उन्होंने यह भी बताया कि संतोष मस्ताना नामक व्यक्ति से पूछताछ में भी किसी प्रकार की लीक की पुष्टि नहीं हुई है.
वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि परीक्षा को रद्द कर पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. उनका आरोप है कि परीक्षा में पेपर लीक, पेपर सील खुलने और बड़ी संख्या में दोहराए गए प्रश्नों जैसी गंभीर गड़बड़ियां हुईं.
इस मामले में हस्तक्षेपकर्ताओं और जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल और प्रिंस कुमार ने अपना पक्ष रखा.
गौरतलब है कि JSSC CGL-2023 परीक्षा में कुल 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इस परीक्षा के माध्यम से राज्य के विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं.
 
                             
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