TNP DESK- बिहार के मोकामा में "आतंक"  थमने का नाम नहीं ले रहा है.  जानकारी के अनुसार शुक्रवार को मोकामा से राजद  प्रत्याशी और बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी बीणा  देवी की गाड़ी पर पथराव हुआ है.  उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है.  दुलारचंद यादव की गुरुवार को हत्या कर दी गई थी.  उनके शव  का कड़ी सुरक्षा में आज पोस्टमार्टम हुआ. लोग बताते है कि  वापसी के समय पंडारक  में  बीणा देवी  की गाड़ी पर अचानक हमला हो गया.  उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है.  घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है और भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.  दुलारचंद हत्याकांड में मोकामा के जदयू प्रत्याशी और बाहुबली अनंत  सिंह समेत पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. 

पुलिस चौकसी के बाद भी नहीं थम रहा विवाद 

 अनंत  सिंह ने सूरजभान सिंह को इस घटना के लिए जिम्मेवार बताया था.  गुरुवार को जब जनसुराज  पार्टी के प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी के समर्थन में दुलारचंद यादव प्रचार कर रहे थे.  इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई.  दुलारचंद  की अंतिम संस्कार में बीणा  देवी का परिवार शामिल हुआ.  मोकामा हत्याकांड पर बीणा  देवी ने कहा कि चुनाव अलग है, लेकिन हमारे परिवारों का आपसी रिश्ता अलग है.  जैसे ही घटना की जानकारी मिली, हमने अपना चुनावी  कार्यक्रम रद्द कर दिया.  हमारी मांग है कि इस घटना की जांच होनी चाहिए.  सूरजभान सिंह का कहना है कि दुलारचंद  यादव की हत्या लोकतंत्र की हत्या  है.  उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस मामले पर जांच बैठाई जाए, जिससे की सच्चाई सामने आ जाए. 

तेजस्वी यादव ने क्या साधा निशाना 
 
इस घटना पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सवाल खड़े किए है. अनंत   सिंह का नाम लिए बिना उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.  हमें आश्चर्य है कि  40 गाड़ियों का काफिला हथियारों के साथ लेकर कैसे कोई घूम सकता है? तेजस्वी यादव ने कहा कि आखिर चुनाव आयोग क्या कर रहा है? प्रशासन क्या कर रहा है? अ ब तक क्या कार्रवाई की गई है? गुंडो को कौन बचा रहा है? जो लोग जंगल राज की बात कर रहे हैं, जिन लोगों ने अपराधियों को पाला पोसा, अब  अपनी कुर्सी बचाने के लिए इस्तेमाल कर रहे है.  अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है.  इस मामले पर चुनाव आयोग को  संज्ञान लेना चाहिए.  मोकामा में गुरुवार को हुए हत्याकांड के बाद पूरे बिहार की सियासत गरमाई हुई है. 

हत्याकांड पर क्या बोले प्रशांत किशोर 

 इस बीच जनसुराज  के सूत्रधार प्रशांत किशोर की भी प्रतिक्रिया आई है.  उन्होंने कहा है कि जिनकी हत्या हुई है, वह आधिकारिक तौर पर जनसुराज  में नहीं थे, मगर वहां के जान सुराज  प्रत्याशी के समर्थन में लगे हुए थे.  प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में जिस जंगल राज की बात होती थी, चुनाव के दौरान हिंसा के बारे में लोग सुनते हैं, यह  घटना उसी को बता रही है.  चुनावी मतभेद होना और  आरोप- प्रत्यारोप लोकतंत्र का हिस्सा है.  कोई आदमी गलत है या सही, यह बहस   का मुद्दा हो सकता है.  लेकिन हत्या और हिंसा की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है.  उन्होंने इस हत्याकांड को कानून -व्यवस्था में लगे लोगों की विफलता करार दिया. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो