गुमला(GUMLA)जिला मुख्यालय में लगाने वाला साप्ताहिक हाट का स्थल पूरी तरह से गंदगी का अंबार बना हुआ है. गंदगी के बीच बैठकर जहां लोग सब्जी बेचने को मजबूर है, वहीं स्थानीय लोग भी जैसे तैसे इस जगह आकर सब्जी खरीदारी पर विवश है.जहाँ एक तरफ कोरोना कल के कारण प्रशासन द्वारा आम लोगों को ज़्यादा भीड़-भाड़ में जाने की अनुमति नहीं दी गयी हैं. वही दूसरी तरफ यहाँ के ग्रामीण सब्ज़ी मार्किट में भीड़ के साथ साथ गंदगी का भी सामना कर रहे हैं. ऐसे में कोरोना से बचाव कैसे संभव हो सकता हैं. एक तरफ भीड़,तो दूसरी तरफ गंदगी. स्वास्थ्य शरीर के लिए लोग हरी ताज़ी सब्ज़ी का सेवन करते हैं ऐसे में उनकी मज़बूरी होती हैं कि उन्हें सब्ज़ी की खरीदी करने इस सब्ज़ी मार्केट आना पड़ता हैं. वही रोज़ी के लिए सब्ज़ी विक्रेता की यहाँ आ कर सब्ज़ी बेचने के लिए आर्थिक रूप से विवश हैं. अब बात ये हैं कि आखिर आम आदमी अपनी स्वास्थ्य को रक्षा कैसे करें, मार्केट में भीड़ का सामना कर के या फिर गंदगी में मिलने वाली ताज़ी सब्ज़ी खा कर. बता दें कि ऐसे बदहाल स्थिति को ठीक करने को लेकर प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं हो रही है.
बाजार हाट की इस बदहाली का ज़िम्मेदार आखिर कौन..?
जिला मुख्यालय में मौजूद इस बाजार हाट का स्थल बाजार समिति के अधीन है. जो यहां से राजस्व की वसूली तो करता है लेकिन साफ सफाई नहीं करवाता है. वही शहर की सफाई का काम करने वाला नगर परिषद भी इसकी सफाई को लेकर गंभीर नहीं है. स्थानीय लोगों की माने तो लम्बे समय से बाजार हाट की इस बदहाली को वे देख रहे है. लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं हुआ वही बाजार लगाने वालों की माने तो पेट पालने के लिए इस गंदगी के बीच वे बाजार लगाने को मजबूर है.
जल का निकास नहीं होने के कारण ही अव्यवस्था
वहीं जब इस गंदगी को लेकर नगर परिषद के अध्यक्ष से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि समय समय पर उनके द्वारा सफाई करवाया जाता है, लेकिन सही रूप से जल का निकास नहीं होने के कारण व्यावस्था सही नहीं हो पा रही है. वहीं उन्होंने बताया कि इससे लाखों का राजस्व बाजार समिति उठता है. लेकिन इसकी साफ सफाई को लेकर उनकी ओर से रुपया उपलब्ध नहीं करवाया जाता है.
रिपोर्ट:सुशील कुमार सिंह,गुमला
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