गुमला(GUMLA)- झारखंड के गुमला जिला में राज्य का पहला मत्स्य महाविद्यालय पूरी तरह से सक्रिय रूप से काम कर रहा है. यहां अभी दूसरे बैच की पढ़ाई चल रही है. बता दें कि पहला बैच 2017-21 का था जिसकी पढ़ाई पूरी हो चुकी है. उसके बाद से लगातार छात्रों का नामांकन हो रहा है. जिला में मत्स्य महाविद्यालय के चालू होने से छात्रों के साथ ही यहां पढ़ाने वाले प्रोफेसरों में भी खुशी का माहौल है. काफी समय पहले ही इसके लिए भवन का निर्माण शुरू कर दिया गया था. जो अब पूरा हो गया है.
सभी सुविधा से परिपूर्ण होगा यह महाविद्यालय
बता दें कि रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से संचालित होने वाले इस महाविद्यालय में बच्चों को सारी सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. पढ़ाई शुरू होने के बाद परिसर में चहल पहल देखने को मिल रही है.ऐसे में परिसर में मौजूद छात्रों के साथ ही महाविद्यालय के प्रोफेसर भी काफी खुश है.
जिले के युवाओं को मिलेंगे रोजगार के कई अवसर
जिले में शुरू किया गया यह मत्स्य महाविद्यालय झारखंड में ना केवल युवाओ को मत्स्य विभाग में नौकरी का अवसर प्रदान करेगा बल्कि राज्य में मत्स्य उत्पादन की संभावनाओ को भी बढ़ाने का काम करेगा इस महाविद्यालय में मत्स्य पालन की तमाम तकनीकों की जानकारी मिल पाएगी,जिसके बाद मत्स्य पालन से लोगो को कैसे जोड़ा जाए इस दिशा में काम किया जा सकता है.
मत्स्य महाविद्यालय राज्य के लिए साबित होगा मिल का पत्थर
झारखंड की अब तक कि सरकारों ने केवल खनिज संपदा पर ही ध्यान दिया लेकिन सरकार ने इस दिशा में कभी ध्यान नहीं दिया कि इलाके में मत्स्य पालन की भी आपार संभावना है, क्योंकि झारखंड की प्राकृतिक बनावट के कारण कई स्थानों पर जल जमाव होता है. उन्हीं स्थलों पर आसानी से मत्स्य पालन करवाया जा सकता है. जिससे ग्रामीणों को रोजगार का अवसर मिलेगा. इससे उनकी आर्थिक स्तिथि बेहतर हो पायेगी. इस लिए गुमला में शुरू किया गया मत्स्य महाविद्यालय झारखंड को मत्स्य पालन में मुकाम में पहुंचाने में मिल का पत्थर साबित होगा.
रिपोर्ट:सुशील कुमार सिंह,गुमला
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