देवघर(DEOGHAR) - में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. लाखों की लागत से बना स्वास्थ्य उप केंद्र विभाग की उदासीनता से खंडहर में तब्दील हो रहा है और विभाग इससे बेखबर है. अब इसके औचित्य पर सवाल उठ रही है.

खंडहर में तब्दील हो रहा नवनिर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्र

गेट पर जंग लगा ताला लटका,खिड़की टूटा और अंदर गंदगी का अंबार यह है. मंत्री बादल पत्रलेख का गृह और विधानसभा क्षेत्र सारवां का रोशन स्वास्थ्य उपकेंद्र. 2018-19 में लाखोँ की लागत से इसका निर्माण कराया गया हैं लेकिन ग्रामीणों की मानें तो निर्माण के बाद इसका उदघाटन नहीं हुआ. जिस कारण न तो कोई चिकित्सक यहां पहुंचे और न कोई स्वास्थ्य कर्मी. इस स्वास्थ्य उप केंद्र का निर्माण यहां के स्थानीय को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से किया गया था, लेकिन वास्तव में अभी तक ग्रामीणों को कोरोना काल मे भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने हर स्तर से अपनी बात रखी लेकिन न तो विभाग और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पहल की. अब ग्रामीण इस स्वास्थ्य उपकेंद्र के निर्माण पर सवाल उठा रहे हैं. विभाग की इस लापरवाही से स्थानीय ग्रामीणों में काफी नाराजगी है. तेज़ी से खंडहर में तब्दील हो रहे हाल ही निर्मित इस स्वास्थ्य उपकेंद्र की जानकारी सिविल सर्जन साहब को उपलब्ध कराने के बाद इसकी जांच कर उचित कदम उठाने की बात की जा रही है.

 सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर आश्रित हैं ग्रामीण

झारखंड की लचर स्वास्थ्य सेवा हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है. इसके लिए कभी आधारभूत संरचना तो कभी चिकित्सकों की कमी बता कर विभाग अपना पल्ला झाड़ता रहा है. लेकिन इसका खामियाजा सीधे तौर पर ऐसे मरीजों को उठाना पड़ता है जो इलाज़ के लिए पूरी तरह से सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर आश्रित है. खासकर मंत्री के क्षेत्र का यह हाल है तो और जगह क्या  होगा इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है.

रिपोर्ट:ऋतुराज सिन्हा,देवघर