सरायकेला(SARAIKELA)कोरोना काल के भीषण आपदा के वक्त कई क्षेत्रों में विषम चुनौतियां हमारे सामने आई और हमें सबक दे गई. खास तौर पर बेसहारा मजदूरों की परिस्थिति हर किसी के जेहन में आज भी जिंदा है. जब मानवता के संकट के दौर में अपनी जिंदगी बचाने रोजी रोटी का परित्याग कर अपने घरों की ओर जैसे-तैसे निकल पड़े थे. वेदना और अफरातफरी के इस माहौल में कई जगहों पर अव्यवस्था की बातें सामने आई और सरकार को भी उन मजदूरों को लोकेट करने और उन्हें लाभ पहुंचाने में काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ा. हालांकि यह अच्छी बात है कि सरकार इस कड़वे अनुभव पर जल्द सबक लेते हुए इस दिशा में कारगर प्रयास शुरू कर दिया है. ताकि अगर आने वाले दिनों में फिर से कोई भीषण आपदा आए तो बेसहारा मजदूरों को लोकेट किया जा सके और उन्हें लाभ पहुंचाया जा सके या फिर स्थिति सामान्य भी हो तो भी ऐसे मजदूरों का डाटा सरकार के पास हो. जिससे उन मजदूरों से जुड़ी लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक सीधे पहुंच सके.

31 दिसंबर तक सभी मजदूरों का होगा निबंधन

इसी संकल्प को लेकर भारत सरकार ने देश के सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को निबंधन करने और उनका डाटा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भारत सरकार द्वारा चल रहे इस प्रयास के दौरान पूरे देश के करीब 38 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन करने का लक्ष्य है. इस निबंधन कार्य को 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा करने का लक्ष्य है. सरायकेला जिला की बात करें तो यहां 3 लाख 48 हजार आठ सौ चालिस असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन किया जाना है. वहीं 31 दिसंबर तक हर हाल में सभी का निबंधन हो इसको लेकर न सिर्फ श्रम विभाग बल्कि जिला प्रशासन के अन्य विभाग भी आपस में समन्वय स्थापित कर प्रयास में जुटे हैं. इस मामले में जिला श्रम कार्यालय में श्रमिक मित्रों तथा श्रम पदाधिकारियों के कार्यशाला का आयोजन किया है. जिसमें सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन ससमय करने हेतु रणनीति बनाई गई. इस बारे में जानकारी देते हुए श्रम अधीक्षक राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि जिले के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को ई पोर्टल में निबंधन 31 दिसंबर तक हर हाल में करना है. इसको लेकर मजदूरों का निबंधन सीएचसी में होगा. वहीं जो खुद से निबंधन करना चाहते हैं वह भी यह कार्य कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिले के सुदूरवर्ती इलाके में नेटवर्क का प्रॉब्लम है. ऐसे में श्रम विभाग के अलावा अन्य विभाग के लोग भी आपस में समन्वय स्थापित कर सभी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन करने का कार्य कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार की यह मंशा है कि भविष्य में अगर किसी तरह की विषम स्थिति सामने आए, जिसमें असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लोकेट करने तथा उन्हें लाभ पहुंचाने की जरूरत हो तो सरकार यह काम बिना अफरा-तफरी के आसानी से कर सकें। साथ ही इस श्रम पोर्टल के जरिए बन रहे डाटा से सरकार इन मजदूरों के लिए लोक कल्याणकारी योजना का निर्माण कर सकें तथा लाभ पहुंचा सके।

सीएचसी के जरिए आसानी से होगा निबंधन

श्रम अधीक्षक राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि ई पोर्टल में हो रहे निबंधन में हर प्रकार के असंगठित क्षेत्र के मजदूर निबंधन करा सकते हैं. चाहे वो टेंपो वाले हो सब्जी बेचने वाले, आंगनवाड़ी सेविका सहायिका, महिला समूह के सदस्य या फिर कोई और केवल तीन प्रकार के लोग इसमें शामिल नहीं हो सकता जिनका इनकम टैक्स, पीएफ और ईएसआई नहीं कटता हो.

रिपोर्ट : विकास कुमार, सरायकेला