धनबाद (DHANBAD )बिजली आपूर्ति की हालत कभी सुधरती है, तो कभी बिगड़ जाती है.उपभोक्ताओं को हरेक माह बिल के मद में जीतनी राशि देनी पड़ती है ,उससे कही अधिक उसे वैकल्पिक इंतजाम पर खर्च करने पड़ते है.टुंडी प्रखंड में इन दिनों विद्युत वितरण लिमिटेड द्वारा 3000 रुपया से अधिक की राशि के बकायेदारों का कनेक्शन को काटा जा रहा है.इसके लिए जो बकायादार ऑन स्पॉट बकाए राशि की भुगतान कर रहे हैं,उनका कनेक्शन नहीं काटा जा रहा है.हालांकि विभाग के सूत्रों के अनुसार यह उपर के अधिकारी का निर्णय है,और राजस्व बढ़ाने के लिए सभी अंचलों में यह अभियान चलाया जा रहा है. 

घर में परेशानी ,उद्योग संकट में 

बता दें कि मर्ज बढ़ता गया,ज्यों-ज्यों दवा की,यही हाल अभी कोयलांचल में बिजली का है.बिजली के जो जो उपाय किए गए ,एक भी कारगर साबित नहीं हुए. नतीजा यह हो रहा है,कोयलांचल के कई इलाके आज भी घंटों बिना बिजली के रह रहे है.बिजली विभाग का दावा है कि डीवीसी से सामान्य बिजली मिलने पर सप्लाई निर्वाध की जाती है,आपूर्ति बाधित तभी होती है. जब डीवीसी पावर कट करता है.लेकिन पिछले चार-पांच दिनों में स्थिति ठीक इसके उलट दिख रही है.डीवीसी का दावा है, कि कोयलांचल को सामान्य से अधिक बिजली दी जा रही है.जबकि बिजली विभाग यह कहने से नहीं थक रहा की उसे जो बिजली मिल रही है,वह जरूरत से कम है. 

उद्योग टुकदुम टुकदुम चल रहे थे

अब इसकी जांच कौन करें की डीवीसी सच कह रहा है या बिजली विभाग.हमारे जो जनप्रतिनिधि हैं.उनके घरों में तो दो या तीन तरफ से बिजली की लाइन है,इसलिए उन्हें पता ही नहीं चलता कि बिजली है,अथवा नहीं.इधर उद्योगपतियों का कहना है कि बिजली के अभाव में जो उद्योग टुकदुम टुकदुम चल रहे थे, वह भी अब आखिरी सांसें गिन रहे हैं एक तो कच्चा माल नहीं मिलता,ऊपर से बिजली का भारी संकट.अभी उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि जेनरेटर  चलाकर उद्योगों को जीवित रख सकें डीजल का मूल्य सबके सामने है ,इसका बहुत बड़ा असर उद्योगों के उत्पादन पर भी पड़ा है.

रिपोर्ट :अभिषेक कुमार,ब्यूरो हेड (धनबाद )