रांची(RANCHI): सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड (CUJ) में गणित और सांख्यिकी विभाग द्वारा तीन दिवसीय "डेटा साइंस के युग में गणित और सांख्यिकी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन" का भव्य आयोजन किया गया है. यह सम्मेलन 18 से 20 मार्च तक आयोजित किया गया है. जिसमें देश-विदेश के ख्याति प्राप्त विद्वान और विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं.

इस सम्मेलन का शुभारंभ कुलपति प्रो. क्षितिभूषण दास ने आमंत्रित विशेषज्ञों के साथ दीप प्रज्वलन कर किया. कार्यक्रम के संयोजक डॉ. केबी पांडा ने सम्मेलन के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला. मुख्य अतिथि प्रो. आलोक चतुर्वेदी (पर्ड्यू यूनिवर्सिटी, अमेरिका) ने गणित और डेटा साइंस में नवीनतम शोध और संभावनाओं पर चर्चा की. विशिष्ट अतिथि अरुण कुमार सिन्हा (केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार) सहित अन्य आमंत्रित अतिथियों ने सम्मेलन की उपयोगिता को रेखांकित किया.

सम्मेलन के पहले सत्र में एनआईटी राउरकेला के प्रोफेसर किशोर चंद्र पति ने "क्वांटम भौतिकी और आधुनिक डेटा विज्ञान" पर व्याख्यान दिया. उन्होंने 1900 से अब तक के सैद्धांतिक विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की. जिसमें प्लांक का क्वांटम हाइपोथीसिस, EPR पैरेडॉक्स और क्वांटम कंप्यूटर का उल्लेख किया गया. उन्होंने क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांत, रैखिक बीजगणित और डायरेक नोटेशन पर चर्चा की. इसके अलावा मैट्रिक्स गुणन और क्वांटम गेट्स का परिचय भी दिया गया.

वहीं, दूसरे सत्र में प्रो. आलोक चतुर्वेदी ने "Quantum Decision Theory and Generative AI: Unveiling Cognitive Complexities" विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने प्राचीन भारतीय ज्ञान और आधुनिक क्वांटम भौतिकी के समन्वय पर जोर दिया. उनके व्याख्यान में प्राचीन ज्ञान और आधुनिक संदर्भ का औपचारिक एकीकरण (Non-dual Data Theory - अद्वैत वेदांत), समन्वयवाद - एकीकृत आर्थिक सिद्धांत (Advaita-CM-Sankhya Unified Economic Theory), क्वांटम निर्णय सिद्धांत और डेटा के गुणधर्म, Non-dual Data Theory (NDDT) और समन्वयवाद पर प्रकाश डाला.

तीसरे सत्र में अरुण कुमार सिन्हा (केंद्रीय विश्वविद्यालय, गया) और विजय कुमार ने "ताकाहाशी के रैंक्ड सेट सैंपलिंग की प्रभावशीलता" पर व्याख्यान दिया. उन्होंने डेटा सैंपलिंग की नवीनतम तकनीकों और उनके अनुप्रयोगों पर विस्तार से जानकारी दी.

चौथे सत्र में डॉ. टंका नाथ धमला (त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल) ने आधुनिक सांख्यिकी और डेटा विज्ञान के अनुप्रयोग पर व्याख्यान दिया. उन्होंने सांख्यिकीय मॉडलिंग की नवीनतम विधियों और उनकी व्यावहारिक उपयोगिता पर चर्चा की.

बता दें कि, इस सम्मेलन का उद्देश्य गणित, सांख्यिकी और डेटा विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम शोध और उनके अनुप्रयोगों को साझा करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करना है. इसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और विचार प्रस्तुत किए. कार्यक्रम के दौरान डेटा विज्ञान में क्वांटम भौतिकी के अनुप्रयोग, निर्णय सिद्धांत और आधुनिक गणितीय मॉडलिंग पर विशेषज्ञों के व्याख्यान हुए. यह सम्मेलन डेटा विज्ञान में गणित और सांख्यिकी की भूमिका को समझने और इस क्षेत्र में हो रहे नवाचारों को साझा करने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हो रहा है.