धनबाद (DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियां के अधिकारियों को जल्द बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. सूत्रों के अनुसार उनके पे-अपग्रेडेशन का मामला जल्द सुलझा लिया जा सकता है. कोल इंडिया के अधिकारियों का वेतन महारत्न पीएसयू कंपनियों के बराबर करने की कवायत चल रही है. इसके लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट कोयला मंत्रालय को दे दी है. यह समिति इसी साल मार्च महीने में गठित हुई थी. इसमें कोल इंडिया, एनसीएल और एमसीएल के कार्मिक निदेशक सदस्य थे.
कमेटी ने कुछ ऐसा दिया है सुझाव
सूत्र बताते हैं कि कमेटी ने कोयला अधिकारियों का वेतन 20 से ₹40,000 बढ़ाने का सुझाव दिया है. इसमें महाप्रबंधक, कार्यकारी निदेशक, निदेशक और सीएमडी स्तर के अधिकारियों के वेतन में कोई बदलाव का प्रस्ताव नहीं है. E-7 यानी चीफ मैनेजर के वेतनमान में 20,000, सीनियर मैनेजर यानी E-6 के वेतन में 30 से 40,000 और मैनेजर E-5 से E-1 ग्रेड तक के अधिकारियों के वेतन में 20 से ₹40,000 तक की वृद्धि के अनुशंसा की गई है. उल्लेखनीय है कि कोयला अधिकारियों के वेतन विसंगति मामले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.
कोयला मंत्रालय भी चाहता है कि विसंगतियां दूर हो जाये
कोयला मंत्रालय भी चाहता है कि हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले कोयला अधिकारियों के वेतन मामले को सुलझा लिया जाए. कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है. कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद इस कंपनी का गठन हुआ था. यह अलग बात है कि कोल इंडिया में फिलहाल प्राइवेट प्लेयर्स का दखल बढ़ रहा है. नई नियुक्तियों पर एक तरह से रोक है. कोयलाकर्मी और अधिकारियों की कई सुविधाओं में कटौती की गई है, तो कुछ सुविधाएं बढ़ाई भी गई है. कोयला अधिकारी वेतन विसंगति दूर करने की लंबे समय से मांग कर रहे है. लगता है कि अब जल्द ही उनकी यह डिमांड पूरी हो सकती है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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