दुमका (DUMKA):  कहते है बच्चे राष्ट्र के भविष्य होते हैं और भविष्य संवारने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर होती है. शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जाती है, कई तरह के अभिनव प्रयोग किए जाते हैं. स्कूल में छात्रों के ठहराव को लेकर मध्याह्न भोजन योजना चलाई जाती है वहीं शिक्षक समय पर विद्यालय पहुंचे इसके लिए बायो मीट्रिक हाजरी बनानी पड़ती है. इसके बाबजूद शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को लेकर कितना गंभीर है इसकी एक बानगी देखने को मिली जिले के सरैयाहाट प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पोखरिया में सोमवार को शिक्षक समय पर पहुंचे, बायो मैट्रिक हाजरी बनाई, छात्र भी समय से विद्यालय पहुंचे लेकिन गुरु जी बायो मैट्रिक हाजरी बनाकर विद्यालय से चले गए. पढ़ाई बाधित होने से नाराज छात्रों ने विद्यालय में तला जड़ दिया और हंगामा करने लगे.

छात्रों ने जड़ा विद्यालय में ताला, करने लगे हंगामा तो भागे भागे पहुंचे शिक्षक

 जानकारी के अनुसार सोमवार को सरैयाहाट प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पोखरिया में सोमवार को छात्रों ने उस वक्त ताला जड़  दिया जब विद्यालय के सहायक शिक्षक बीरेंद्र मंडल बायोमेट्रिक हाजिरी बनाकर रोजाना की तरह विद्यालय से घर चले गए. इस दौरान बच्चों ने विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय पोखरिया में रोजाना शिक्षक सुबह तो पहुंचते हैं लेकिन बायोमेट्रिक हाजिरी बनाकर घर चले जाते हैं और फिर मन मुताबिक विद्यालय पहुंचते हैं. सोमवार को भी सहायक शिक्षक बीरेंद्र कुमार और एक पारा शिक्षिका बायोमेट्रिक हाजिरी बनाकर स्कूल से बाहर निकल गए. इस बात को लेकर बच्चों ने विद्यालय में ताला जड़ दिया. ताला जड़ने के बाद इसकी जानकारी विभाग को दी गई. छात्र विद्यालय गेट के सामने नारेबाजी करने लगे. हालांकि जब स्कूल के शिक्षकों को इस बात की जानकारी मिली तो वे विद्यालय पहुंच गए. लेकिन छात्रों के आरोप और विद्यालय में ताला जड़ने की जानकारी के बाद भी कोई अधिकारी मामले की जांच के लिए नहीं पहुंचे. इसके बाद दोपहर को बच्चों ने विद्यालय का ताला खोल दिया और अपने अपने घर चले गए.

दीवार पर ज्ञान की बातें लेकिन अमल में कब लाएंगे शिक्षक!

विद्यालय की दीवार पर मोटे अक्षरों में लिखा हुआ है कि ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है, शिक्षा ही जीवन की ज्योति है. यह पढ़ने और सुनने में सचमुच बहुत अच्छा लगता है, लेकिन काश विद्यालय के शिक्षक इस लिखावट पर अमल करते रहते तो छात्रों को यह कदम नहीं उठाना पड़ता.

पोखरिया विद्यालय तो एक बानगी है, कई विद्यालयों का है यही हाल

 सरैयाहाट प्रखंड में बायोमेट्रिक हाजिरी बनाकर शिक्षकों के विद्यालय से चले जाने का यह कोई नया मामला नहीं है. प्रखंड में दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं जहां रोजाना शिक्षक बायोमेट्रिक हाजिरी बनाकर अपने घर चले जाते हैं. शिकायत के बाद भी आजतक किसी भी शिक्षक के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. देखना दिलचस्प होगा कि पोखरिया स्कूल के मामले में विभाग द्वारा कोई कार्रवाई किया जाता है या फिर महज खानापूर्ति की जाती है.

रिपोर्ट: पंचम झा