जमशेदपुर(JAMSHEDPUR): जमशेदपुर से सटे पटमदा सब्जी की खेती के लिए जाना जाता है. इस बार यहां टमाटर की बंपर खेती हुई है. काफी मात्रा में लाल-लाल टमाटर की उपज हुई है. लेकिन इसके बावजूद किसानों को खरीदारों का मुंह देखना पड़ रहा है. अच्छी मात्रा में टमाटर होने के बावजूद इन्हें खरीदने के लिए कोई खरीदार नहीं हैं. यहां तक कि टमाटर से सॉस बनाने वाली कंपनियों ने भी यहां के टमाटर को लेने से इंकार कर दिया है. ऐसे में मजबूरन किसानों को इन टमाटरों को खेत से तोड़ कर वापस ट्रैक्टर के जरिए खेतों में ही टमाटरों को फेंकना पड़ रहा है. क्योंकि, उनके पास इन टमाटरों को रखने के लिए इलाके में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है.
इस वजह से करीबन 20 किसान अब तक अपना टमाटर फेंक चुके हैं. खेतों में सिर्फ फेंका हुआ टमाटर ही देखने को मिल रहा है. कई किसानों ने अपने 10 बीघा से अधिक में लगे टमाटर को फेंक दिया है. वहीं, किसानों का कहना है कि 2 रूपये किलो में टमाटर खरीदने वाले भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं. क्योंकि वे लोग बाजार में जाकर बेच नहीं पा रहे हैं और व्यापारी इधर आ नहीं रहे हैं.
किसानों का कहना है कि इस इलाके में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण उन्हें और परेशानी झलेनी पड़ रही है. इलाके में अगर कोल्ड स्टोरेज रहता तो टमाटरों को कोल्ड स्टोरेज में रखकर बाद में बाजार मूल पर बेचा जा सकता था. लेकिन कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण मजबूरन टमाटर को खेतों में ही फेंकना पड़ रहा है.
बता दें कि, क्षेत्र के किसानों ने हिम्मत जुटाकर रांची की टमाटर सॉस बनाने वाली कंपनी से टमाटर बेचने के लिए संपर्क किया था. कंपनी ने टमाटर की मांग भी की जिससे किसान काफी खुश हो गए की अब उनका टमाटर बीक जाएगा. ऐसे में ट्रेक्टर में भर कर किसान टमाटर रांची ले कर गए लेकिन कंपनी के लोगों ने वहां पहुंचने के बाद टमाटर लेने से इंकार कर दिया. जिसके बाद बेचारे किसानों ने फिर टमाटर वापस ला कर खेतों में फेक दिया. इनके पास टमाटर फेंकने के अलावा फिलहाल कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा है. मरता क्या नहीं करता फिलहाल किसानों का वही हाल हो गया है.
अब यह देखना होगा की क्षेत्र के किसान इसी तरह टमाटर फेंकते रहेंगे या फिर क्षेत्र के विधायक या जिला प्रशासन उस क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण करवाते हैं. यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
रिपोर्ट: रंजीत कुमार ओझा
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