रांची(RANCHI): कांग्रेस के तीन विधायकों की गिरफ़्तारी के बाद माना जा रहा है कि झारखंड मंत्रिमंडल में बड़ी फेरबदल हो सकती है. कांग्रेस कोटे से कम से कम दो मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. झारखंड की गठबंधन सरकार में अभी कांग्रेस के 4 मंत्री हैं. इनमें बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख, आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव शामिल हैं. अभी कांग्रेस कोटे से मंत्रिमंडल में एक सीट खाली है. सत्ता के गलियारे में नए मंत्री बनने वालों में कांग्रेस की ओर से जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, दीपिका पांडे सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की और प्रदीप यादव के नामों की चर्चा चल रही है.
इन विधायकों को बनाया जा सकता है मंत्री
जानकारी है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के कार्यकाल से पार्टी नेतृत्व खुश नहीं है. ऐसे में इन नेताओं की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है. वहीं नए मंत्रिमंडल में जयमंगल सिंह को जगह मिल सकती है. उन्हें पार्टी की ओर से सरकार बचाने का इनाम मिल सकता है. कांग्रेस के तीन विधायकों की गिरफ़्तारी के बाद से ही अनूप सिंह काफी सुर्खियों में हैं. सरकार बचाने से उनका पार्टी और मुख्यमंत्री की नजर में कद बढ़ा है. इसका उन्हें भरपूर रिवार्ड मिल सकता है. वहीं जयमंगल सिंह के अलावा दीपिका पांडे सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. दीपिका काफी लंबे समय से पार्टी के साथ हैं और समय-समय पर वह आम जनता के मुद्दों को भी उठाती रह हैं. ऐसे में उन्हें पार्टी मौका दे सकती हैं. वहीं झारखंड की सबसे युवा विधायक बनी शिल्पी नेहा तिर्की को भी मंत्री बनाया जा सकता है. वह काफी युवा हैं, पढ़ी-लिखी हैं और उन्हें लोग पसंद भी करते हैं. ऐसे में उन्हें मंत्री बनाना कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. सूत्रों की मानें तो झारखंड मंत्रिमंडल में ये फेरबदल 15 अगस्त के पहले ही हो सकता है.
झामुमो भी कर सकता है फेरबदल
कांग्रेस के साथ ही झामुमो भी नए चेहरों को मौका दे सकता है. अटकलों का बाजार गर्म है कि मथुरा महतो को पार्टी मंत्री बना सकती है. हालांकि, उनकी जगह किसका टिकट कटता है, ये देखने वाली बात होगी. वहीं कैबिनेट विस्तार कर हेमंत सरकार ये भी दिखाना चाहती है कि मौजूदा सरकार स्थिर है और उसे कुछ नहीं होने वाला है. पिछले कुछ दिनों से लगातार अटकलें लगाई जा रही थी कि सरकार गिरने वाली है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार से सरकार इन सब अटकलों पर विराम लगाना चाहती है. नए मंत्रिमंडल के जरिए नए तरीके से सरकार काम करना चाहेगी और लोगों को एक उम्मीद का संदेश देना चाहेगी कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान हो. सरकार उनके प्रति सवेदनशील है. हालांकि, सरकार जो भी चाहे, मगर, देखना होगा कि मंत्रिमंडल विस्तार में किसे मंत्री पद मिलता है और किसका पता कटता है.
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