धनबाद(DHANBAD): धनबाद सहित झारखंड के सभी जिलों में यातायात व्यवस्था की रीड़ हैं ऑटो रिक्शा. ऑटो के भरोसे ही पूरी व्यवस्था चल रही है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यही एक मात्र फिलहाल माध्यम बना हुआ है. सरकार की घोषणाएं तो कई हुई, लेकिन जमीन पर अभी उतरी नहीं है. इधर ऑटो रिक्शा के बारे में एक आंकड़ा सामने आया है और यह आंकड़ा किसी को भी परेशान कर सकता है. आंकड़े के मुताबिक धनबाद सहित पूरे झारखंड में 2,0 4,941 पैसेंजर वाले ऑटो रिक्शा है. लेकिन इनमें से केवल 15,000 से कुछ अधिक को ही परमिट निर्गत किया गया है.
आंकड़े में यह भी बताया गया है कि 1.89 लाख से अधिक ऑटो बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहे है. परमिट निर्गत करने का काम भी धीमी गति से चल रहा है. परिवहन विभाग ने इस आंकड़े को गंभीरता से लेते हुए जिले के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इसके लिए इंफोर्समेंट ऑफिसर को भी लगाने को कहा गया है. जो स्पेशल ड्राइव चलाकर तथा कैंप लगाकर ऑटो रिक्शा को परमिट जारी करे.
विभाग ने निबंधन के समय ही परमिट देने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. यानी निबंधन के साथ ही परमिट टैग हो जाएगा. बिहार में यही प्रक्रिया है, अब झारखंड में भी इसी प्रक्रिया को लागू करने का प्रयास किया जाएगा. बता दें कि ऑटो रिक्शा झारखंड के हर जिलों के लिए परेशानी बने हुए है. लेकिन यह बात भी उतना ही सच है कि इन ऑटो के भरोसे ही झारखंड के शहरो का जनजीवन चल रहा है. दूसरी कोई व्यवस्था अभी तक बनी नहीं है. उनके लिए कोई पड़ाव चिन्हित नहीं किए गए है. नियम का भी पालन नहीं किया जाता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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