धनबाद(DHANBAD): झारखंड की  महिलाओं का रूटीन बदल गया है.  विशेष कर उन महिलाओं का, जिनको  मंईयां  सम्मान योजना की राशि नहीं पहुंची है.  सुबह 9 बजे तक  घर का कामकाज समाप्त कर लेती है.  अगर छोटे बच्चे हैं, तो उन्हें भी साथ ले लेती हैं और 10 बजते -बजते  पहुंच जाती हैं अपने प्रखंड कार्यालय अथवा अगल -बगल के आधार केंद्र पर.  धनबाद के आधार केन्द्रो  पर तो सुबह से ही लंबी लाइन लग जा रही है.  महिलाएं या तो अपना आधार अपडेट करा  रही है, अथवा आधार से मोबाइल नंबर जुड़वा रही है.  

आधार केंद्रों पर जुट रही भारी  भीड़ ,बच्चे लेकर पहुंच रही महिलाये 

धनबाद की अगर बात की जाए ,तो आधार केंद्रों  पर भारी भीड़ जुट रही है और महिलाएं अगल-बगल के जिलों से भी धनबाद पहुंच रही है.  धनबाद जिले में लगभग 77 हजार महिलाओं का मामला जांच के दायरे में है.  इन महिलाओं के खाते में जनवरी से सम्मान राशि नहीं पहुंच  रही है.  इसके अलावा  लगभग 53,000 महिलाएं ,जिनके आवेदन तो स्वीकृत है, लेकिन बैंक खाता आधार से लिंक नहीं होने की वजह से राशि नहीं पहुंच रही है.  एक आंकड़े के मुताबिक धनबाद में 1.32 लाख महिलाओं को जनवरी से  सम्मान योजना की राशि नहीं मिली है.  धनबाद जिले में मंईयां  सम्मान योजना के तहत 15 मार्च तक 3.86 लाख महिलाओं का आवेदन स्वीकृत हुए.  इन महिलाओं के खाते में दिसंबर तक राशि गई थी. 

आधार लिंक नहीं होने की वजह से होल्ड पर है अकाउंट 
 
इसके बाद सरकार ने लाभुकों का जब सत्यापन शुरू कराया, साथ ही  निर्देश दिया  कि जिन लाभुकों का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है, उनमें राशि ट्रांसफर नहीं की जाए.  उसके बाद राशि रोक दी गई.  सत्यापन के दौरान कई लाभुकों का नाम पता भी सही नहीं पाया गया.  53,000 से अधिक महिलाओं का बैंक खाता आधार से लिंक नहीं मिला.  जिनका खाता आधार से लिंक नहीं है, उनके खाते में राशि ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई है.  हालांकि इसमें संशोधन की तैयारी चल रही है.  इधर धनबाद के आधार केंद्रों  पर सुबह से ही महिलाओं की लाइन लग जा रही है.  महिलाएं अपने पति और बच्चों के साथ पहुंच रही है.  गिरिडीह और जामताड़ा से भी महिलाएं पहुंच रही है. मंईयां  सम्मान योजना की राशि के लिए महिलाओं का इस दफ्तर से उस दफ्तर भटकना खत्म नहीं हो रहा  है. 

जिन्हें राशि मिल रही है -ख़ुशी से झूम रही 

 जिन्हें राशि मिल रही है, वह कह रही है कि जिए हेमंत सरकार! जिससे कि उनकी राशि हमेशा मिलती रहे.  दूसरी ओर जिन्हे  नहीं मिल रही है, वह सरकार को कोस  रही है.  कह रही है कि यह सही नहीं है.  देना है तो सबको राशि मिले, नहीं तो इस योजना को बंद कर दिया जाए.  जानकारी के अनुसार समूचे झारखंड में 38 लाख से अधिक  लाभुकों के खाते में राशि भेजी गई है.  बताया जाता है कि कई महिलाओं के फॉर्म में दिए गए बैंक अकाउंट नंबर और ऑनलाइन अकाउंट नंबर अलग-अलग मिले है.  इस वजह से भी अकाउंट को होल्ड पर रखा गया है.  लेकिन कुछ महिलाओं की यह भी शिकायत है कि उनका आवेदन पूरी तरह से सही है.  फिर भी राशि नहीं पहुंच रही है.  फिलहाल नए आवेदन कर्ताओं का फॉर्म लेने का आदेश नहीं है.  इसलिए प्रखंड कार्यालयो  में फॉर्म लिए नहीं जा रहे है.   

जाँच जैसे -जैसे जाँच आगे बढ़ रही ,मिल रही गड़बड़ियां 

इधर, यह भी कहा जा रहा है कि सम्मान योजना के आवेदनों की जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, तरह-तरह की गड़बड़ियों का खुलासा हो रहा है. लाभुकों के आधार कार्ड में डुप्लीकेसी मिल रही है. एक ही बैंक अकाउंट से कई आवेदन किए गए है. आधार कार्ड में डुप्लीकेसी का मतलब हुआ आधार नंबर किसी अन्य जनकल्याणकारी योजना में भी है. जांच में यह सब मिलने के बाद खातों को होल्ड पर कर दिया गया है. गलत तरीके से राशन कार्ड में नाम दिखाकर योजना का आवेदन करने की वजह से भी आवेदन होल्ड पर है. कई लाभुक तो ऐसी भी हैं, जो केंद्र और राज्य सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रही है. अधिक राशि की लालच में आवेदन कर अब फंस गई है. कुछ तो लाभुक ऐसी भी हैं कि जिनके घर वाले सरकारी नौकरी में भी है. 
 
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो