धनबाद(DHANBAD): यह कौन सी परीक्षा हो रही है शिक्षा मंत्री जी! गुरुजी एप  पर प्रश्न पत्र तो पहुंच जाते हैं ,लेकिन उसके बाद छात्रों तक यह प्रश्न पत्र  कैसे पहुंचेंगे , कितने स्कूलों में डिजिटल बोर्ड लगे हैं, इसे जाने बगैर परीक्षा के तरीके में बदलाव का क्या असर हुआ, इसे आखिर कौन देखेगा.  दरअसल, धनबाद जिले के 1700 सरकारी स्कूलों में पहली  से लेकर सातवीं तक के बच्चों की वार्षिक परीक्षा सोमवार को शुरू हुई.  यह  परीक्षा दो पालियों  में ली गई.  परीक्षा में बच्चों को प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं विभाग की ओर से नहीं मिली.  कुछ डिजिटल बोर्ड वाले स्कूलों की बात छोड़ दी जाये , तो अधिकतर स्कूलों में ब्लैक बोर्ड पर शिक्षकों ने प्रश्न पत्र लिखे . 

बच्चों ने ब्लैक बोर्ड से प्रश्न पहले अपनी कॉपी में उतारे 

 बच्चों ने ब्लैक बोर्ड से प्रश्न कॉपी में उतारे , उसके बाद उत्तर लिखना शुरू किया.  अधिकतर स्कूलों में बच्चे परीक्षा के लिए कॉपी अपने घर से लेकर आए थे.  जिन स्कूलों में दो-तीन शिक्षक हैं और क्लास की संख्या अधिक है.  उन स्कूलों में शिक्षकों को बारी-बारी से क्लास में जाकर प्रश्न ब्लैक बोर्ड पर लिखने पड़े.  इसे काफी परेशानी हुई.  एक क्लास के बच्चे अपनी कॉपी पर प्रश्न उतारते  उसके बाद दूसरे क्लास के बच्चे  प्रश्न लिखने का इंतजार करते.  छात्रों को 2 घंटे की परीक्षा में आधे से अधिक घंटे  का समय ब्लैक बोर्ड से प्रश्न उतारने में ही लग गए . 

बेंच -डेस्क   की कमी ने भी डाला खलल 
 
बात सिर्फ इतनी ही नहीं थी, स्कूलों में बेंच -डेस्क   की कमी भी परीक्षा में खलल  डाल रही थी.  4 से 5 बच्चे बैठकर परीक्षा दे रहे थे.  कई स्कूलों में तो दरी पर भी परीक्षा हुई.   निर्देश के मुताबिक 19 मार्च तक परीक्षा लेने के बाद सरकारी स्कूलों में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच 20 मार्च से शुरू होगी.  24 मार्च तक जांच पूरी करनी है.  25 मार्च को स्कूल स्तर पर रिजल्ट जारी किया जाएगा.  बताया जाता है कि झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रांची के निर्देश पर  सरकारी स्कूलों को एक  दिन पहले गुरुजी एप  के माध्यम से प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो