धनबाद(DHANBAD): बाघमारा के बहुचर्चित खरखरी में शुक्रवार को कोयले के अवैध खनन के मुहाने को बंद नहीं कराया जा सका. सूत्र बताते हैं कि बीसीसीएल मैनेजमेंट सीआईएसएफ को पुलिस का सहयोग नहीं मिला. हालांकि पुलिस कहती है कि कन्फ्यूजन की वजह से पुलिस सीआईएसएफ के सहयोग के लिए नहीं पहुंच पाई. घंटो इंतजार करने के बाद सीआईएसएफ की टीम घटनास्थल से लौट गई. दरअसल, खरखरी में अवैध कोयले के धंधेवाजो ने अवैध मुहाना खोलकर कोयल का खनन शुरू कर दिया है. मामले की सूचना के बाद सीआईएसएफ और कोलियरी प्रबंधन दो जेसीबी मशीन और एक हाईवे लेकर मुहाना बंद करने के लिए पहुंची, लेकिन बताया जाता है कि 4 घंटे इंतजार करने के बाद भी मधुबन पुलिस की टीम नहीं पहुंची.
पुलिस का नहीं मिला सहयोग ,फिर लौट गई टीम
तो टीम वापस लौट गई. यह भी कहा जा रहा है कि खरखरी प्रबंधन ने जंगल में अवैध खनन की जानकारी मधुबन पुलिस को दी थी. सहयोग की मांग की गई थी. इसके बाद शुक्रवार की सुबह मैनेजमेंट के अधिकारी मजदूरों के साथ पहुंचे, सीआईएसएफ की टीम भी पहुंची. लेकिन मधुबन पुलिस नहीं पहुंची. इस कारण दोपहर 2 बजे के बाद बिना छापेमारी के ही टीम लौट गई. यह भी कहा जा रहा है कि मधुबन पुलिस विधि -व्यवस्था सहित अन्य मामलों का हवाला देकर नहीं पहुंची. इस मामले को लेकर बीसीसीएल के वरीय अधिकारियों को सूचना दे दी गई है. मधुबन पुलिस कहती है कि डोजरिंग के लिए बातचीत हुई थी. लेकिन दुबारा संपर्क नहीं होने के कारण पुलिस मौके पर नहीं पहुंच पाई.
9 जनवरी को यह पूरा इलाका आ गया था चर्चे में
मधुबन थाना क्षेत्र अचानक इस साल के 9 जनवरी को चर्चा में तब आया था , जब वहां आउटसोर्सिंग कंपनी को लेकर बड़ा विवाद हो गया था. खुलकर गोली -बम का प्रदर्शन किया गया था. गिरिडीह के सांसद के कार्यालय को फूंक दिया गया था. इसके बाद जब पुलिस टीम कारू यादव के मार्केट कांप्लेक्स में छापेमारी करने पहुंची , तो पुलिस टीम पर पत्थरबाजी कर दी गई. नतीजा हुआ कि इलाके के एसडीपीओ गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद तो धनबाद से लेकर रांची तक तहलका मच गया. पुलिस के बड़े अधिकारी 9 जनवरी की रात को ही धनबाद पहुंचे और एससीडीपीओ को बेहतर इलाज के लिए दुर्गापुर रेफर करने के बाद रात से ही छापेमारी में जुट गए थे. इस पूरी घटना के किंगपिन कारू यादव भाग कर बिहार चला गया था. पुलिस की टीम इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कारू यादव को बिहार से गिरफ्तार किया था. फिर पुलिस लगातार इलाके में छापेमारी की, फ्लैग मार्च निकाला, लोगों की गिरफ्तारियां हुई.
मधुबन थाना क्षेत्र की आशाकोठी इसलिए आई थी चर्चे में
मधुबन थाना क्षेत्र की आशा कोठी में इतनी मात्रा में अवैध खनन से कोयला जमा किया गया था कि कोयले के ढुलाई में बीसीसीएल के हाईवे भी हांफने लगे थे. कहा जाता था कि आशा कोठी में पुलिस जाने से बचती थी, लेकिन एसएसपी और अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में वहां लगातार छापेमारी की गई. छापेमारी के बाद तो आशा कोठी के लोग घर छोड़कर भाग गए थे. यह वही खरखरी इलाका है, जहां कोयले के अवैध मुहाने को बंद करने की तैयारी थी. लेकिन कथित रूप से पुलिस के असहयोग के कारण सफलता नहीं मिली. अब देखना है कि बीसीसीएल के बड़े अधिकारी इस मामले को लेकर पुलिस के वरीय अधिकारियों से संपर्क कर एक्शन का अनुरोध करते हैं या चुप बैठ जाते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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