TNP DESK- गिरिडीह में होली के दौरान भड़की  हिंसा के बाद सियासत भी तेज हो गई है.  पूर्व मुख्यमंत्री द्वय  रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी के बाद मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बड़ा बयान दे दिया है.  उन्होंने यह कह दिया है  कि गिरिडीह की घटना में बीजेपी के नेताओं का हाथ है.  रघुवर दास गिरिडीह कैसे पहुंचे, यह भी सवाल है.  मंत्री ने कहा कि रघुवर दास गिरिडीह जाकर लोगों को उकसाने  का काम किया है , जो ठीक नहीं है.  मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा नेताओं को चेतावनी दी है कि झारखंड का माहौल खराब करने की कोशिश नहीं करे.  झारखंड का माहौल बिगड़ने  नहीं दिया जाएगा. 

मंत्री ने कहा -भाजपा नेताओं की ऐंठन नहीं गई है

मंगलवार को उन्होंने विधानसभा परिसर में मीडिया कर्मियों से कहा कि भाजपा नेताओं की ऐंठन  नहीं गई है. गिरिडीह में माहौल बिगाड़ने  की कोशिश की गई.  उसके बाद दोनों पक्षों के बीच शांति स्थापित की गई. डॉक्टर इरफान अंसारी ने दर्ज  मुकदमे पर भी सवाल खड़ा किया . बता दे कि  सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी गिरिडीह के गिरिडीह के घोड़थम्भा   पहुंचे. उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह से सुनियोजित थी. घटना को अंजाम देने से पहले पूरी तैयारी की गई थी.  जुलूस पर हमला करने के लिए घरों के छतों  पर पत्थर इकट्ठा किए गए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि  होली का जुलूस हर साल गुजरता  है. इसलिए इसकी जानकारी पुलिस को भी थी. पुलिस इस मामले में बेगुनाहों को गिरफ्तार किया है. पीड़ित पक्ष के लोगों पर ही कार्रवाई की गई है. 

पूर्व सीएम  रघुवर दास ने अधिकारियो की लगाई थी क्लास 

पूर्व सीएम  रघुवर दास भी रविवार को पहुंचे थे और उन्होंने अधिकारियों की क्लास लगाई थी. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सवाल किया था कि  आखिर क्यों जुलूस को रोका गया?  सद्भाव का ठेका क्या सिर्फ हिंदू समाज ने लिया है. क्या कर रहे थे थानेदार और स्पेशल ब्रांच के अधिकारी. हमने तो 5 साल सरकार चलाई, किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि दंगा कर या करा  दे.

तुष्टीकरण के बजाय दोषियों पर कार्रवाई करे पुलिस 
 
रघुवर दास ने यह भी कहा कि दोषियों पर कार्रवाई होनी चहिये. तुष्टीकरण के लिए नहीं कि 10 इस पक्ष के लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया तो 10 उस पक्ष के लोगों को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए, यह सब नहीं चलेगा. बता दें कि शुक्रवार की देर शाम होली का जुलूस लेकर लोग जा रहे थे. इसी दौरान एक गली में पहुंचने के बाद कुछ लोगों ने जुलूस को रोकने का प्रयास किया. इसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई और विवाद बढ़ गया. पथराव में दोनों पक्षों के लोग घायल भी हुए है.  पुलिस का दावा है कि सीसीटीवी से उपद्रवियों की पहचान कर दोनों पक्षों के 11-11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो