रांची(RANCHI)- पूर्व सीएम रघुवर दास एक के बाद एक मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं, एक तरफ हेमंत सरकार मैनहर्ट घोटले की जांच को हरि झंडी दिखाने की तैयारी करती नजर आ रही है, दावा किया जा रहा कि इस घोटाले से जुड़ी फाइल को निगरानी विभाग ने अपने पास मंगा लिया है, और बहुत जल्द एसीबी को रघुवर दास के खिलाफ अभियोजन की प्रक्रिया शुरु करने की स्वीकृति प्रदान की जा सकती है, वहीं दूसरी ओर उनकी सरकार में मंत्री रहे रणधीर सिंह, अमर कुमार बाऊरी, नीलकंठ सिंह मुंडा, नीरा यादव और लुईस मरांडी के खिलाफ जांच की रफ्तार तेज होती नजर आ रही है.
यहां ध्यान रहे कि इन सभी मंत्रियों पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है, इनके खिलाफ पहले ही एसीबी को पीई दायर करने की अनुमति प्रदान कर दी गयी थी, जिसके बाद अब इन्हे पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी चल रही है, दावा किया जा रहा है कि इसी सप्ताह इन्हे कार्यालय में उपस्थित होने का नोटिस जारी किया जा सकता है.
दरअसल इस मामले की शुरुआत वर्ष 2020 में पंकज कुमार यादव नामक एक शख्स के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने से होती है. उक्त याचिका में यह दावा किया गया था कि रघुवर दास शासन काल में मंत्री रहते हुए इनकी संपत्ति में दो सौ तक का इजाफा हुआ था, और किसी की संपत्ति में अचानक से इतना बड़ा इजाफा संदेहास्पद है. जैसे ही हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई सरकार ने एसीबी को इस मामले की जांच का आदेश दे दिया.
इस मामले में भी फंसते दिख रहे हैं रघुवर दास
इस प्रकार जहां एक तरफ रघुवर दास मैनहर्ट घोटाले में फंसते नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके शासनकाल के पांच पांच मंत्री संपत्ति जांच में नपते नजर आ रहे है, दावा किया जाता है कि जैसे जैसे इन मंत्रियों की संपत्ति की जांच की जायेगी, पूर्व सीएम रघुवर दास भी इसके लपेटे में आ सकते हैं.
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