टीएनपी डेस्क(TNP DESK): तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की जांच के लिए गठित अरुमुघस्वामी जांच आयोग ने रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में जयललिता की सहयोगी शशिकला और तीन अन्य के खिलाफ जांच की मांग की गई है, जो जांच के दौरान दोषी पाए गए थे. दरअसल, अरुमुगासामी जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि शशिकला, जयललिता के निजी डॉक्टर के एस शिवकुमार, तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव राधाकृष्णन, सी. विजयभास्कर, जो तब स्वास्थ्य मंत्री थे, दोषी पाए गए और उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए जाने चाहिए.
तमिल में अपनी 608 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट सौंपी
आरुमुगासामी ने तमिल में अपनी 608 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट और अंग्रेजी में 500 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की है. जयललिता के संबंध में 159 से अधिक गवाह अरुमुघस्वामी आयोग के समक्ष पेश हुए और अपनी बात रखी. उस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जयललिता की मृत्यु की तारीख अस्पताल द्वारा 5.12.2016 को 11.30 बजे घोषित की गई है, लेकिन साक्ष्य के आधार पर यह 4.12.2016 को दोपहर 3.00 बजे से 3.50 बजे के बीच है. सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुमुगासामी के एकल सदस्यीय आयोग ने उनकी मृत्यु के पांच साल बाद तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लगभग दो महीने बाद रिपोर्ट पेश की थी.
जयललिता के चिकित्सा प्रक्रियाओं पर पूरी हुई थी राजनीति
बता दें कि दिसंबर 2016 में जयललिता के निधन के बाद, उनकी मृत्यु के कारण और उनके अस्पताल में भर्ती होने के दौरान की जाने वाली चिकित्सा प्रक्रियाओं पर पूरी तरह से राजनीति शुरू हो गई थी. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने उनकी मौत की जांच का अनुरोध किया था, जिसके बाद अरुमुघस्वामी आयोग का गठन हुआ. आयोग को 22 सितंबर 2016 को दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थितियों, स्वास्थ्य की स्थिति और स्थिति की जांच करने के लिए सौंपा गया था और बाद में 5 दिसंबर 2016 को उनके दुर्भाग्यपूर्ण निधन तक उपचार प्रदान किया गया था.
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