टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश के सर्वोच्च पद के लिए 18 जुलाई को वोटिंग हुई थी. जिसका परिणाम आज यानी गुरुवार को आना है, लेकिन गिनती खत्म होने से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है. ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि एनडीए के पास पहले से ही लगभग बहुमत था. मगर एनडीए के अलावा भी कई अन्य राजनीतिक दलों ने द्रौपदी मुर्मू का सर्मथन किया है. झारखंड की जेएमएम ने भी द्रौपदी मुर्मू को सर्मथन देने का एलान किया था. वहीं, ओडिशा की बीजेडी और महाराष्ट्र की शिवसेना ने भी द्रौपदी के पक्ष में वोटिंग करने का एलान कर दिया था. इसके अलावा कई अन्य पार्टी के नेताओं ने भी एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी के पक्ष में वोट देने का एलान किया था.
क्रास वोटिंग बड़ी वजह
द्रौपदी को न केवल जिन पार्टियों ने एलान किया है उसका वोट मिला है बल्कि द्रौपदी के पक्ष में कांग्रेस और कई अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी वोट किया है. झारखंड कांग्रेस के नेता कमलेश सिंह ने वोट डालकर बाहर आने के बाद कहा कि उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को वोट किया है. वहीं, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी भी कई बार द्रौपदी के पक्ष में वोट डालने की बात कह चुके है.
27 पार्टियों ने द्रौपदी को किया सर्मथन
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पास छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 27 पार्टियों का सर्मथन है. आपको बता दें कि विपक्षी खेमे से नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी, आंध्र प्रदेश में सत्तापक्ष और विपक्ष एक साथ मुर्मू के समर्थन में है. आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, दोनों ही पार्टियां द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहे हैं. कर्नाटक में कुमारस्वामी की जनता दल (एस), पंजाब की शिरोमणि अकाली दल, झारखंड की हेमंत सोरेन की जेएमएम भी मुर्मू को समर्थन कर रही है. इसके अलावा शिवसेना ने भी राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को समर्थन किया है. सभी पार्टियों का कहना है कि वो एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचाने के लिए वोट कर रहे हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है द्रौपदी को साढ़े छह लाख मूल्य से ज्यादा वोट मिल सकते है. वहीं, यशवंत सिन्हा के पास महज 14 पार्टी का सर्मथन है उसमें से भी कॉसवोटिंग हुई है.
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दरअसल, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ही विपक्ष को इक्कठा करने का काम किया था. उन्होंने ही पहले शरद पवार फिर यशवंत सिन्हा का नाम आगे किया था. लेकिन जब बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू के नाम का एलान तब ममता ने कहा था कि अगर बीजेपी पहले बता देती कि वो द्रौपदी मुर्मू को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बना रही है तो मैं खुद उनका सर्मथन करती. हालांकि राजनीतिकारों का मानना है कि ममता को आदिवासी वोटरों का डर था इसलिए उन्होंने ऐसा कहा था.
कॉपी: विशाल कुमार, रांची
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