टीएनपी डेस्क(TNP DESK): राष्ट्रपति चुनाव के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. चुनाव के दौरान 10 विधायकों ने कॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद से ही आशांकाओं का बाजार गर्म होता दिख रहा था. दरअसल, कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सभी विधायकों को यशवंत सिन्हा के पक्ष में वोट करने को कहा था. चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी कह रहे थे कि पार्टी में सब कुछ ठीक है और हमारे 18 विधायक साथ हैं. लेकिन चुनाव परिणाम बिल्कुल इससे उलट देखने को मिला कांग्रेस के 10 विधायक द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट कर दिए.

बगावत के तेवर तेज

मिली जानकारी के अनुसार झारखंड कांग्रेस में बगावत तेज हो गई है. कांग्रेस के नेता छोटे-छोटे समूहों में आपस में मिल रहे हैं. तमाम कांग्रेस नेताओं का फोन Switch Off आ रहा है. वहीं, जब The News Post की टीम कांग्रेस भवन पहुंची तो वहां का नजारा बिल्कुल शांत दिखा. भवन का मेन गेट बंद था न कोई नेता, प्रवक्ता और न ही कार्यकार्ता मौजूद थे. सुत्रों के हवाले से खबर मिली है कि ज्यादातर नेता दिल्ली पहुंच चुके है. ऐसे में यह भी कहना गलत नहीं होगा की हेमंत सोरेन सरकार संकट में आ सकती है. 

विधायक कमलेश सिंह के भी तेवर बदले

हुसैनाबाद से एनसीपी विधायक कनलेश सिंह ने भी शनिवार को प्रेस कॉन्फेंस किया. इस दौरान कमलेश सिंह ने भी हेमंत सरकार पर तंज कसा था. उन्होंने कहा था कि जिस काम के लिए हमने हेमंत सोरेन को समर्थन दिया था वो नहीं हो रहा है. ऐसे में अंदेशा लगाया जा रहा है कि अगर सरकार गिरती है तो कमलेश सिंह एनडीए के पक्ष में आ सकते है.

बाबूलाल दिल्ली से लौटे वापस

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी इस हलचल के बीच दिल्ली से रांची वापस आ गए हैं. आशंका ये भी जताई जा रही है कि झारखंड बीजेपी अब अपने सभी विधायकों को एक होटल में शिफ्ट कर सकती है. बाबूलाल को केंद्रीय नेतित्व ने झारखंड की राजनीति पर नजर बनाए रखने को रखा है. मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के रामेश्वर उरांव ही सभी कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधि कर रहे हैं. वहीं, महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पाण्डे सिंह दिल्ली पहुंच चुकी है. विधायक ने सीएम हेमंत सोरेन और दिशोम गुरु शिबू सोरेन से मुलाकात की है. 

कॉपी: विशाल कुमार, रांची