रांची(RANCHI): झारखंड में राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए मतदान में कांग्रेस के विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की खबर ने पार्टी हाईकमान की चिंता बढ़ा दी है. एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को झारखंड से 9 अधिक वोट मिले. ये वोट यशवंत सिन्हा को जाने चाहिए थे. क्रॉस वोटिंग की इस घटना से कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को लग रहा है कि प्रदेश की इकाई में कुछ असंतोष है. तभी इस तरह की अनुशासनहीनता दिखाई दी है. राजनीति के जानकार बताते हैं कि क्रॉस वोटिंग संसदीय राजनीति में अच्छी नहीं मानी जाती. यह पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता का एक उदाहरण है.
वैसे क्रॉस वोटिंग राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में हुए हैं क्योंकि राष्ट्रपति का चुनाव गुप्त मतदान प्रक्रिया के तहत होता है. ऐसे में इसकी प्रबल संभावना होती है कि लोग अपने विवेक और अंतरात्मा की आवाज पर वोट करते हैं. मालूम हो कि राष्ट्रपति चुनाव में व्हीप जारी नहीं होता है. ऐसे में सांसद और विधायकों को अपनी पसंद से मतदान करने का मौका मिल जाता है. कांग्रेस खेमे के सूत्र बताते हैं कि कुछ महिला और आदिवासी विधायकों ने कथित तौर पर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट किया है. भाजपा के नेताओं ने मतदान के दिन ही यह दावा किया था कि एनडीए प्रत्याशी को 65 से अधिक वोट मिलेंगे और यह सच साबित हुआ जबकि कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने भाजपा के दावे को खारिज किया था. इसकी जांच कांग्रेस करा रही है. लेकिन यह सब पहले से ही मालूम लग रहा था.
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