पलामू (PALAMU) : एक किसान बड़ी मेहनत से खेती करता है, अपनी फसलों की देखरेख करता है, जब फसल तैयार हो जाती है तो उससे अनाज निकालता है, किसान की इस मेहनत से किसान और उसके परिवार का तो पेट भरता ही है. मगर, इसके साथ ही उन सभी लोगों का भी पेट भरता है, जो खुद तो खेती नहीं करते, मगर, अपने भोजन के लिए इन किसानों पर आश्रित जरूर रहते हैं.
मगर, विडंबना तो तब हो जाती है जब, इन गरीब किसानों की फसल तैयार होने से पहले ही नष्ट हो जाती है. और ये सिलसिला लगातार जारी है. फसल में आए दिन आग लगने की घटना ने किसानों पर कड़ा प्रहार किया है. किसान चिंतित है, फसल नष्ट हो जाने की वजह से नहीं बल्कि, इस फसल के नष्ट हो जाने से उन्हें और उनके परिवारवालों को भूखा रहना पड़ेगा, वे इस बात से चिंतित हैं.
ताजा मामला पलामू जिले का है जहां एक बार फिर तैयार गेहूं के फसल जल कर नष्ट हो गई. ये मामला हैदरनगर थाना के पतरिय व बनाही गांव का है. किसानों के खेत में गेहूं की फसल बिल्कुल तैयार थी कि उसमें अचानक आग लग गई.
कई बीघा फसलों में लगी आग
बनाही गांव के किसान अमलेश तांतो व कमलेश तांतो के तीन बीघा में गेहूं की फसल खाक हो गई. ग्रामीणों ने किसी तरह काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया नहीं तो आग से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल खाक हो जाती. ग्रामीणों ने बताया कि बिजली के तार से निकली चिंगारी ने उनकी फसल को खाक कर दिया. किसानों ने बताया कि उनकी साल भर की कमाई आग में जल गई.
उधर पतरिया गांव के किसान सुनील सिंह, मदन सिंह, रमाशंकर सिंह, संतोष सिंह, कृष्णा सिंह समेत अन्य किसानों के करीब दस बीघा में तैयार गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई. ग्रामीणों ने बताया कि आग लगने का कारण पता नहीं लग सका है. किसानों ने इस संबंध में हैदरनगर थाना पुलिस और अंचल कार्यालय में सूचना दे दी है. उन्होंने सरकार से मुआवजा की मांग भी की है.
पहले भी होती रही हैं अगलगी की घटनाएं
यह कोई पहला मौका नहीं है जब फसल में आग लगी हो, पिछले महीने ही हैदरनगर थाना के मोकहर कला गांव के 20 किसानों की एक सौ बिगहा में लगी अरहर की फसल पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी. इससे 10 लाख रुपए के फसल का नुकसान हुआ था. दोपहर को अचानक लोगों ने आग की लपटें लोगों देखी. ग्रामीणों ने आग बुझाने की काफी मशक्कत भी की थी मगर, बहुत देर हो चुकी थी, सभी फसल जलकर नष्ट हो चुके थे.
आखिर फसलों में आग लगने का कारण क्या है?
जैसे-जैसे गर्मी बढ़ते जा रही है, फसल में आग लगने की घटना भी बढ़ती जा रही है. इसका एक बड़ा कारण है, खेतों के पास, या खेतों के ऊपर से गुजरने वाले बिजली के हाई-वोल्टेज के तार. बिजली के तारों से निकलने वाली छोटी चिंगारी किसानों का बड़ा नुकसान कर दे रही है. गर्मी के मौसम में तो चिंगारी का निकलना जैसे आम बात है और दूसरा गर्मी में आग भी तेजी से पकड़ती है. गर्मी में फसल भी तैयार हो चुकी होती है, इस कारण उसमें आग बहुत तेजी से पकड़ती है. बिजली के तारों के अलावा भी कई कारण है जिससे आग फसलों को चपेट में ले लेती है, जैसे कोई खेतों के आस-पास कोई जलती हुई चीज छोड़ कर चला गया, उससे भी आग पकड़ लेती है. मगर, जो ज्यादातर मामले सामने आए हैं, उनमें सबसे ज्यादा बिजली के तारों के चलते ही फसलों में आग लगी है.
आग लगने के बाद प्रशासन मुआवजा तो देता है, मगर, आग रोकने के लिए प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. अगर, प्रशासन और बिजली विभाग खेतों के ऊपर से जाने वाले तारों को कवर करे और किसानों को उसके प्रति जागरूक करें तो निसंदेह इन आगलागी की घटनाओं में काफी कमी आएगी.
रिपोर्ट: जफ़र हुसैन, रांची
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