जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) - वाटरमेलन यानि तरबूज किसे पसंद नहीं.गर्मियों में तो यह न सिर्फ शरीर में पानी की कमी को दूर करता है बल्कि इसे खाकर लोग ताज़गी महसूस करते हैं. लेकिन ये वाटरमेलन इतना क्रिएटिव हो सकता है क्या, आपने कभी सोचा है? जमशेदपुर के मशहूर ला ग्रैविटी में आज खास तौर पर महिलाओं के लिए 'मेलन से मिलन' कार्यक्रम  का आयोजन हुआ जिसमें तरबूज खाने की प्रतियोगिता आयोजित हुई. इतना ही नहीं तरबूज का सलाद, डेकोरेशन, तरबूज की कलाकृति, थीम ड्रेस सह कैटवाक, सीड थ्रोयिंग एंड वेट इट समेत अन्य कई प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ. यह सब इतना मजेदार और खूबसूरत था कि प्रत्येक दृश्य एक अलग ही समां बांध रही थी. सभी महिलाओं ने वाटरमेलन यानि तरबूज के ही रंग के कपड़े पहन रखे थे. तरबूज खाने की बात हो या तरबूज का असली वजन बताने की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर सभी प्रतियोगिता में भाग लिया और पुरस्कार जीते. प्रतिभागियों ने ऐसी प्रतियोगिता की कल्पना तक नहीं की थी. तरबूज का वजन बताने में महिलाओं के पसीने छूट गए क्योंकि आम तौर पर लोग तरबूज के वजन से वास्ता नहीं रखते. वहीं सलाद (salad) डेकोरेशन और मेकिंग में भी महिलाओं ने अपना जलवा बिखेरा. वाटरमेलन को दहीबड़े जैसा बनाकर पेश करना आकर्षण का केंद्र था. पूरे परिसर में जितनी सजावट की गई, उन सभी में वाटरमेलन की ही झलक थी. फिर चाहे वह छाता हो, चप्पल हो या अन्य चीज़ें. सलाद (salad) के डेकोरेशन के साथ ही उसके प्रस्तुतिकरण पर भी अंक मिले.

जागरूकता का संदेश

ला ग्रैविटी के संचालक अविनाश बताते हैं कि क्रिएटिविटी के साथ ही इस कार्यक्रम के माध्यम से वे पर्यावरण को लेकर भी जागरूकता का संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम जितना ही पेड़ पौधों को इज्जत देंगे हमें उतने ही फल मिलेंगे. जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होंगे. इस तरह के कार्यक्रमों से हम स्वास्थ्यवर्धक फूड के प्रति लोगों को जागरूक बना सकते हैं.

ला ग्रैविटी के बारे में

ला ग्रैविटी बिहार झारखंड का एक अनूठा टी कैफे है जहां 11देशों की 150से ज्यादा किस्म की चायें उपलब्ध हैं.यह पहला डेफ कैफे हैं जहां इशारों में order दिया जाता है.यहां खामोशी विद लाईफ को बढ़ावा दिया जाता है.यहां अपनी तरह का अनोखा टी pot म्यूजियम भी है.पिछले साल यहां दुनिया के सबसे बड़े टी pots में से एक को लाया गया है जिसे देखने दूर दूर से लोग आते हैं. साल 2017 में अविनाश ने इसकी स्थापना की थी.

रिपोर्ट : अन्नी अमृता, ब्यूरो हेड,जमशेदपुर